लोकसभा की सदस्यता जाने के बाद बीजेपी पर बरसे राहुल गांधी
25 Mar 2023
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संजय मिश्रा/in24न्यूज़/मुंबई
कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने के बाद देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वह लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे हैं और किसी से भी डरने वाले नहीं हैं. राहुल ने यह भी कहा कि अडाणी समूह से जुड़े सवालों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी उन पर ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप लगा रही है, लेकिन अडाणी समूह के लिए मेरे सवालों का सिलसिला जारी रहेगा. राहुल गांधी ने कहा कि, "असली सवाल यह है कि अडाणी समूह में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, आखिर वो पैसा किसका है?" राहुल गांधी ने दावा किया कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे डरे हुए थे कि वह फिर से सदन में अडाणी मामले पर बोलेंगे. कांग्रेस नेता ने कहा कि, "अडाणी जी की शेल कंपनी हैं, उनमें 20 हजार करोड़ रुपया किसी ने निवेश किया है, ये पैसे किसके हैं? यह सवाल मैंने पूछा. इसके अलावा मोदी जी और अडाणी जी के रिश्ते के बारे में पूछा. मेरी बातों को सदन की कार्यवाही से हटाया गया."
राहुल गांधी ने ओबीसी समुदाय के अपमान करने के भाजपा के आरोप पर कहा कि मैंने हमेशा भाईचारे की बात की है, यह (मोदी सरनेम पर टिप्पणी मामला) ओबीसी के बारे में नहीं है. अयोग्य ठहराने, मंत्रियों द्वारा आरोप लगाने का पूरा खेल अडाणी मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए खेला गया. अगर वे मुझे स्थायी रूप से भी अयोग्य करार दे देते हैं, तब भी मैं अपना काम करता रहूंगा. मैं यहां भारत के लोगों की लोकतांत्रिक आवाज की रक्षा करने के लिए हूं, ऐसा करता रहूंगा, मैं किसी से नहीं डरता. राहुल गांधी ने कहा कि, "मेरे बारे में मंत्रियों ने झूठ बोला, जबकि मैंने कोई ऐसी बात नहीं की थी जिसका दावा किया गया था. राहुल ने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि उन्हें जवाब देने का मौका मिले. उनके मुताबिक वह स्पीकर के चैंबर में गए और जब उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि यह कानून है, नियम है. राहुल गांधी ने कहा कि, ‘‘मुझे अयोग्य ठहराया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री मेरे अगले भाषण से डरे हुए थे जो अडाणी पर होने वाला था. मैंने उनकी आखों में यह डर देखा है.’’ उन्होंने कहा कि मुझे सदस्यता मिले या नहीं मिले. मुझे स्थायी रूप से अयोग्य ठहरा दें, मुझे फर्क नहीं पड़ता कि संसद के अंदर रहूं या नहीं रहूं. राहुल ने कहा कि, "मैं सच्चाई को देखता हूं, सच्चाई बोलता हूं. यह बात मेरे खून में है. यह मेरी तपस्या है, उसको मैं करता जाउंगा फिर चाहे कोई मुझे अयोग्य ठहराए, मारे-पीटें, जेल में डालें, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मुझे अपनी तपस्या पूरी करनी है.’’ विपक्षी एकता के मुद्दे पर राहुल ने कहा कि मेरा समर्थन करने के लिए मैं सभी विपक्षी दलों का आभार व्यक्त करता हूं, हम सभी मिलकर काम करेंगे. सरकार द्वारा घबराहट में की जा रही कार्रवाई से विपक्ष को फायदा मिलेगा. राहुल से जब एक पत्रकार ने मानहानि मामले में माफी मांगने को लेकर सवाल किया तो राहुल ने कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है. गांधी किसी से माफी नहीं मांगता. कुल मिलाकर राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और अपनी आगामी रणनीति का खुलासा किया.