शरद पवार ने 2019 में सरकार बनाने को लेकर खेला दोहरा खेल - फडणवीस

 29 Jun 2023  1281

संवाददाता/in24 न्यूज़।  
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को लेकर बड़ा खुलासा किया है। फडणवीस ने कहा कि 2019 में शरद पवार भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार हो गए थे. हालांकि सहमति देने के तीन से चार दिन के बाद वह अपनी बात से पीछे हट गए थे। इस तरह से उन्होंने दोहरा खेल खेला। यही कारण था कि अजित पवार के पास सुबह- सुबह शपथ ग्रहण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. अजित पवार के साथ शपथ ग्रहण पर फडणवीस ने कहा कि जब उद्धव ठाकरे ने 2019 में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के साथ चर्चा शुरू की और जैसे-जैसे उनकी बातचीत आगे बढ़ी। तो एनसीपी के कुछ लोगों ने बीजेपी से संपर्क किया और कहा कि पार्टी बीजेपी के साथ जाने और एक स्थिर सरकार बनाने को तैयार है. 

         एक चैनल को इंटरव्यू देते हुए फडणवीस ने कहा कि शरद पवार के साथ एक बैठक हुई थी जिसमें निर्णय लिया गया था कि मिलकर सरकार बनाई जाएगी और कार्यप्रणाली तय की गई थी। राज्य में सरकार बनाने की जिम्मेदारी मुझे और अजित पवार को दी गई हमने उसी के अनुसार तैयारी की. लेकिन मौका देख कर शपथ ग्रहण से 3 से 4 दिन पहले शरद पवार ने समर्थन वापस ले लिया। अजित पवार को मेरे साथ आने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. क्योंकि वह बेनकाब हो जाते और पूरी तरह से खत्म हो जाते। उन्होंने शपथ ग्रहण के साथ आगे बढ़ने की बात कही. उन्हें विश्वास था कि पवार साथ आएंगे। क्योकि शरद पवार के साथ चर्चा होने के बाद ही सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी. साथ ही उन्होंने कहा कि गठबंधन तोड़कर उद्धव ठाकरे ने जो किया वह पीठ में छूरा घोंपना था. लेकिन पवार ने जो किया वह दोहरा खेल था उन्होंने हमारे साथ दोहरा खेल खेला।

         पिछले साल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में उन्हें जब शामिल होने के लिए कहा गया तो ये उनके लिए आश्चर्यजनक था. उन्होंने कहा मैं स्वीकार करता हूं कि उप मुख्यमंत्री बनना मेरे लिए एक झटका था. क्योंकि मैं इस मानसिकता में चला गया था कि मुझे पार्टी के लिए काम करना है और अचानक कहा कि मुझे उप मुख्यमंत्री बनना है. लेकिन अगर आप पूछेंगे तो मैं आज कहूंगा कि यह एक सही निर्णय था. क्योंकि मैं वहां हूं, मैं एजेंडा ठीक से चला पा रहा हूं, पार्टी का ख्याल रख पा रहा हूं और सरकार को मेरे अनुभव से लाभ मिल रहा है. मेरा मानना है कि तब लिया गया निर्णय सही था.