दो दिनों में अजित पवार को डबल झटका, सांसद और दो विधायक ने की घर वापसी।
04 Jul 2023
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संवाददाता/in 24 न्यूज़।
महाराष्ट्र की शिंदे - फडणवीस सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने और एनसीपी को तोड़ने वाले अजित पवार को दो दिनों के अंदर डबल झटका लगा है. शपथ ग्रहण के दिन ही शपथ समारोह में कथित तौर पर मौजूद रहने वाले एनसीपी सांसद के शरद पवार खेमे में लौटने के बाद अगले दिन दो विधायक भी अजीत पवार को छोड़कर शरद पवार के गुट में लौट आए हैं. इन विधायकों में सतारा के एमएलए मकरंद पाटील और उत्तरी कराड विधानसभा के विधायक बालासाहेब पाटिल है. जूनियर पवार के खेमे में एनसीपी के 40 विधायक होने का दावा किया गया था. एनसीपी के दोनों ही गुटों ने एक- दूसरे के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की घोषणा की है. और एक - दूसरे के पक्ष के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष क्रॉस याचिका दायर की है.
बता दे कि अजित पवार के शपथ के दौरान राजभवन में मौजूद शिरूर के सांसद अमोल कोल्हे ने भी सोमवार को कहा था कि वह शरद पवार के समूह में वापस जा रहे हैं. इसी बीच शरद पवार ने अपने भतीजे के समूह के खिलाफ पहली कठोर कार्रवाई में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रहे राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है. इसके जवाबी कदम के तौर पर अजीत पवार गुट ने एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जयंत पाटिल की जगह तटकरे को नियुक्त किया है. रविवार को तटकरे की बेटी ने मंत्री पद की शपथ ली थी. शरद पवार ने विधानसभा अध्यक्ष को दो याचिकाएं भेजकर अजीत पवार और उनके साथ शपथ लेने वाले एनसीपी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है.
वहीं जवाबी कार्रवाई में अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट ने विधानसभा अध्यक्ष से जयंत पाटील और विधानसभा में विपक्ष के नेता नियुक्त किए गए जितेंद्र आव्हाड़ को अयोग्य घोषित करने की मांग की है. प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे ने अजित पवार के साथ शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था और छगन भुजबल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी नजर आए थे. जिसमें शिंदे - फडणवीस सरकार के साथ गठबंधन करने की वजह बताई गई थी. पार्टी में टूट और भतीजे के विद्रोह पर रविवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया में पवार ने पटेल और तटकरे की आलोचना की थी और कहा था कि उन्होंने उन्हें पार्टी के प्रमुख पदों पर नियुक्त किया था. लेकिन दिशानिर्देशों का पालन करने के बजाय उन्होंने पार्टी ही छोड़ दिया ह