वंदे मातरम को लेकर अबू आसिम आजमी के बयान पर विधानसभा में हंगामा।

 20 Jul 2023  1021
संवाददाता/in24 न्यूज़।  
वंदे मातरम को लेकर एक बार फिर महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। मानसून सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी के एक बयान से महाराष्ट्र विधानसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला। दरअसल आजमी ने अपने बयान में कहा कि उनका मजहब उन्हें इस बात की इजाजत नहीं देता कि वह किसी के सामने सिर झुकाएं। लिहाजा हम वंदे मातरम नहीं कह सकते हैं। हम अपनी मां के सामने भी सिर नहीं झुकाते हैं। हम सिर्फ अल्लाह के सामने सिर झुकाते हैं। आजमी ने कहा कि आफताब पूनावाला के नाम पर मुसलमानों को बदनाम किया गया। इसके बाद आजमी ने औरंगाबाद में राम मंदिर के बाहर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां यह नारा लगाया गया कि भारत में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा। इससे माहौल ख़राब हो गया, पुलिस ने दोनों गुटों को वहां से हटाया। रात में फिर वहां पंद्रह- बीस लोग आए। इसके बाद वहां पर दोनों तरफ के लोग आये फिर नारेबाजी और झगड़ा शुरू हुआ। आजमी ने कहा कि पुलिस के मुताबिक दोनों तरफ से ढाई- ढाई सौ लोग मौजूद थे। इसलिए मेरा सवाल है कि आखिर एक ही मजहब के लोगों को क्यों गिरफ्तार किया गया।

    आजमी के सवाल पर गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मेरे पास भी पूरा सीसीटीवी फुटेज है। मुनिरुद्दीन नाम का व्यक्ति उपद्रवी भीड़ में शामिल था। पुलिस के जवानों पर पत्थर बरसाए जा रहे थे। कई पुलिसकर्मी जख्मी भी हुए थे। उसी दौरान इस व्यक्ति की मौत हुई थी। वह अपने घर में नहीं बल्कि उपद्रवी लोगों के साथ था। इसलिए पुलिस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी।

      देवेंद्र फडणवीस के जवाब पर अबू असीम आजमी ने कहा कि जब वहां पुलिस द्वारा गोली चलाई गई तब एक मुनीरूद्दीन नाम का आदमी अपने घर के परिसर में मौजूद था। वहां एक आदमी अपना पांच महीने का बच्चा लेकर भी मौजूद था। पुलिस अफसर कहते हैं कि मैंने झुक कर गोली चलाई थी। आजमी ने सदन में कहा कि यह पुलिस अफसर झूठ बोल रहे हैं। ऐसे में गोली उसको कैसे लगी? पुलिस ने अगर झुककर गोली चलाई होती तो वह डिवाइडर पर लगती। पुलिस इस मामले में साफतौर झूठ बोल रही है। इस मामले में पुलिस अफसर को सजा दी जानी चाहिए। साथ क्या सरकार की तरफ से मुनीरूद्दीन के परिवार को मुआवजा दिया जायेगा? अबू आजमी के इस बयान के बाद विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया। बीजेपी के तमाम विधायक सदन की वेल में आ गए और जमकर नारेबाजी करने लगे। इस वजह से विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को सदन का कामकाज 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।