उद्धव ठाकरे गुट ने मणिपुर में जाति हिंसा को लेकर केंद्र के साथ-साथ राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना की है. शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने कहा कि 'मणिपुर फाइल्स' नाम से एक फिल्म बनाई जानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना की संपादकीय में कहा कि उत्तर - पूर्वी राज्य में हिंसा और अत्याचार कश्मीर से भी बदतर है. शिवसेना ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान नहीं लिया होता। तो प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलते। सामना में कहा गया है कि हाल के दिनों में 'द ताशकंद फाइल्स , द केरल स्टोरी और द कश्मीर फाइल जैसी फिल्में बनी उन्हीं लोगों को अब राज्य में हिंसा पर मणिपुर फाइल्स नाम से एक फिल्म बनानी चाहिए।
गौरतलब है कि 4 मई को शूट किया गया एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें मणिपुर में संघर्षरत समुदाय में से एक समुदाय की 2 महिलाओं को दूसरे पक्ष के कुछ पुरुषों द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाते हुए दिखाया जा रहा है। जिससे पूरे देश में आक्रोश फैला हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा था कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार कर दिया है और कहा कि कानून अपनी पूरी ताक़त से काम करेगा और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
पार्टी ने कहा कि अगर राज्य में गैर-भाजपा सरकार होती तो अब तक उसे बर्खास्त कर दिया गया होता। इसमें आरोप लगाया गया कि मणिपुर प्रधानमंत्री के लिए राजनीतिक रूप से महत्वहीन है और यही वजह है कि राज्य की स्थिति को नजरअंदाज किया जा रहा है। पार्टी ने कहा कि मणिपुर में 60,000 केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात हैं और फिर भी हिंसा में कोई कमी नहीं आई है। संपादकीय में कहा गया, इसका मतलब है कि स्थिति प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के नियंत्रण से बाहर हो गई है।