मानसून सत्र के सातवें दिन यानी शुक्रवार को भी दोनों सदनों में जमकर विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। लोकसभा में सुबह कार्यवाही शुरू होते ही नारेबाजी शुरू हो गई। विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा की मांग की। तो वहीं राज्यसभा में कार्यवाही 45 मिनट तक चली, लेकिन सभापति जगदीप धनखड़ और टीएमसई सांसद डेरेक ओब्रायन के बीच बहस के बाद इसे 31 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दूसरी तरफ राज्यसभा से निलंबित आप सांसद संजय सिंह ने आज भी संसद परिसर में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। विधानसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष से कार्यवाही में हिस्सा लेने को कहा। उन्होंने कहा, 'आप सदन को चलने नहीं देना चाहते, प्रश्नकाल, जहां सरकार सवालों का जवाब देती है, बहुत जरूरी है।' इस पर विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 10 मई 1978 को अविश्वास प्रस्ताव पेश होते ही उस पर बहस शुरू कर दी गई थी। तो आज क्यों नहीं हो रही है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अधीर रंजन चौधरी से कहा कि सब कुछ नियमानुसार चल रहा है। बहस 10 दिन के अंदर हो सकती है। हमारे पास नंबर है, अगर आपके पास हैं तो हमारे बिल को हराएं। सदन में हंगामा देख अध्यक्ष ने सदन को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया। दुबारा सदन शुरू होने पर करीब आधे घंटे कामकाज होने के बाद कार्यवाही को सोमवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया। इस दौरान सदन में विपक्ष ने सरकार हाय-हाय के नारे लगाए। इस दौरान सरकार ने माइंस एंड मिनरल्स 'डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन' अमेंडमेंट बिल सदन से पास करा लिया।सभापति जगदीप धनखड़ और टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन के बीच विवाद की स्थिति अभी ही बनी हुई है। डेरेक ओ'ब्रायन विपक्ष के 267 के तहत दिए गए प्रस्ताव पर दबाव डालने लगे। डेरेक ने अपनी बात रखने के लिए मेज थपथपाई, जिसे धनखड़ ने नाटकीयता बताया, लेकिन उन्होंने अपनी बात जारी रखी। इसके बाद कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हो गई। सदन की बैठक अब सोमवार, 31 जुलाई को सुबह 11 बजे शुरू होगी।