एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार महागठबंधन में होंगे शामिल ?

 01 Aug 2023  766

प्रतिक्षा सोनावणे/in24न्यूज़/मुंबई  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुणे दौरे के बाद महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है. राजनीतिक हलकों में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और पीएम मोदी की एक साथ उपस्थिति को लेकर गहमा गहमी का माहौल पैदा हो गया है. जहां एक तरफ पुणे में आयोजित सम्मान समारोह में पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार से नवाजा गया वहीं दूसरी तरफ व्यासपीठ पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ अजित पवार के साथ एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार  भी उपस्थित रहे. बता दें कि शरद पवार की पुणे में पीएम मोदी के साथ उपस्थिति को लेकर विपक्षी दलों की तरफ से आक्षेप लिया जा रहा था लेकिन इसके बावजूद महाराष्ट्र के इस क्षत्रप की राजनीतिक समीकरण किसी के भी समझ में नहीं आया. अब अटकलों का बाजार इस बात को लेकर गर्म है कि क्या आने वाले दिनों में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार महागठबंधन का हिस्सा होंगे ? फिलहाल यह राजनीतिक सुगबुगाहट कही जा सकती है, यथार्थ के पटल पर उसे अभी स्वीकारा नहीं जा सकता. यह तो एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के विवेक पर निर्भर करता है कि वो महागठबंधन का हिस्सा बनेंगे या फिर 26 विपक्षी दलों की इंडिया कही जाने वाली पार्टी में बने रहेंगे. एनसीपी में बगावत कर सरकार में शामिल हुए अजित पवार गुट को एक महिना पूरा हो चुका है. और वह अभी भी शरद पवार को मनाने में जुटे हैं. वहीं दूसरी ओर शरद पवार ने पहले ही यह कह दिया है कि साल 2024 लोकसभा चुनाव में उनका एक ही मकसद है, सिर्फ और सिर्फ बीजेपी को पराजित करना. दरअसल विपक्षी दलों की चाहत थी कि शरद पवार पुणे में पीएम मोदी के साथ मंच साझा न करें, लेकिन अपनी मौजूदगी दिखाते हुए शरद पवार ने विपक्षी दलों को दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर कर दिया. बहरहाल यह शरद पवार की कौन सी सियासी चाल थी, यह खुद शरद पवार ही जानते हैं और कोई नहीं !  

        2 अगस्त की शाम महाविकास आघाडी की संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया है. यह बैठक मुंबई के चर्चगेट में एमसीए लाँज में आयोजित की गई है. इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील मिलकर सभी विधायकों का मार्गदर्शन करेंगे. आगामी 2024 के चुनाव में महागठबंधन को पराजित करने के लिए विपक्ष पूरे साम, दाम, दंड, भेद के साथ तैयारी में जुटा है लेकिन पुणे में आज जो कुछ भी नजर आया उससे विशेषज्ञ कुछ और ही बता रहे हैं ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि 2024 के चुनावी सफर में शरद पवार अंत तक महा विकास आघाडी का साथ निभाते हैं, या फिर अजित पवार से गिले-शिकवे मिटा कर महागठबंधन से हाथ मिलाते हैं ? इस पर पूरे महाराष्ट्र वासियों की निगाहें टिकी हुई है.