आप सांसद राघव चड्ढा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, अमित शाह ने लगाया सदन में फर्जीवाड़ा का आरोप

 08 Aug 2023  2018
संवाददाता/in24 न्यूज़। 
दिल्ली सेवा बिल पर जारी सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली सेवा बिल पर आम आदमी पार्टी को राज्यसभा में हर का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेस, एनसीपी, समाजवादी पार्टी समेत एनडीए का गठबंधन का हिस्सा बने दलों का समर्थन हासिल करने के बाद भी उसे झटका लगा है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का नाम भी एक विवाद में जुड़ गया है. दरअसल उन्होंने बिल को पेश किए जाने के बाद उसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव सदन में रखा था. लेकिन उनका प्रस्ताव खारिज हो गया. इसके साथ ही उन्होंने जिस सिलेक्ट कमेटी का प्रस्ताव रखा था उसमें शामिल 5 सांसदों ने उन पर आरोप लगाया है कि उनकी सहमति के बिना ही उनके नाम लिख दिए गए हैं. इस पर अमित शाह राज्यसभा में वोटिंग करने के दौरान भड़क गए और कहा कि यह तो दिल्ली की बात ही नहीं है अब तो सदन में भी फर्जीवाड़ा होने लगा है. इसके बाद राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने मामला विशेषाधिकार समिति के समक्ष जांच के लिए भेज दिया है इस संबंध में पूछे जाने पर राघव चड्ढा ने कहा कि यदि उन्हें विशेषाधिकार समिति नोटिस भेजता है तो वह जवाब देंगे।
 
        राघव चड्ढा का बिल को लेकर सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित नहीं हुआ। सिलेक्ट कमेटी में बिना मंजूरी के ही नाम शामिल किए जाने का आरोप सांसदों ने लगाते हुए डिप्टी स्पीकर से शिकायत की थी कि बिना उनकी अनुमति के ही सेलेक्ट कमेटी में उनके नामों को शामिल किया गया है. प्रस्तावित सिलेक्ट कमेटी के नाम जैसे ही डिप्टी स्पीकर पढ़ने लगे तो अमित शाह ने कहा कि इनमें से पांच सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर से ही इनकार किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की तो जांच होनी चाहिए। शाह ने कहा कि इसे विशेष अधिकार समिति के पास भेजा जाए अमित शाह ने कहा कि इन सांसदों के स्थान पर किसने साइन कर दिए यह जांच का विषय है. वही वाईएसआर कांग्रेस के नेता वी साईं रेड्डी ने भी कहा कि उनकी पार्टी के भी एक लीडर का नाम बिना सहमति के ही शामिल कर लिया गया. इसी बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि मैं 6 साल से मंत्री हूं और 40 सालों से संसद की कार्यवाही देख रहा हूं इस तरह का फर्जीवाड़ा तो आज तक सामने नहीं आया. इस मामले की गंभीरता के साथ जांच होनी चाहिए हालांकि कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने चड्ढा का बचाव किया उन्होंने कहा कि यह नियम है कि यदि मैं कोई संशोधन प्रस्ताव ला रहा हूं तो फिर सेलेक्ट कमेटी का प्रस्ताव दे सकता हूं. इसके लिए मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होती है. यदि कोई सदस्य सहमत नहीं है तो वह अपना नाम वापस ले सकता है. इसके लिए सदस्य के साइन लेने की कोई बाध्यता नहीं होती है.