मध्य प्रदेश में कांग्रेस बजरंग दल को नहीं करेगी बैन - दिग्विजय सिंह

 16 Aug 2023  589
संवाददाता/in24 न्यूज़।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में बजरंग दल को बैन नहीं करेगी। कर्नाटक में बजरंग दल को बैन करने की बात करने वाली कांग्रेस पार्टी ने मध्यप्रदेश में इससे किनारा कर लिया है पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा बजरंग दल को मध्यप्रदेश में बैन नहीं करेंगे। क्योंकि बजरंग दल में कुछ अच्छे लोग भी हो सकते हैं लेकिन जो गुंडा तत्व है और दंगा फसाद करवाते हैं ऐसे किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवराज सिंह सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा बजरंग दल देशभक्तों का संगठन है. बजरंग दल को दिग्विजय सिंह के रहमो करम की जरूरत नहीं है. दिग्विजय सिंह ने यह भी बोला कि गुंडों को जेल में डालेंगे। मतलब अब दिग्विजय सिंह तय करेंगे कि कौन गुंडा है? ये पाकिस्तान परस्त राजनीति करने वाले और हिंदुओं को बदनाम करने वाले लोग हैं दिग्विजय सिंह हो या कांग्रेस का कोई नेता उनको यह सब चुनाव के दौरान ही याद आता है.
      इस साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने धमाकेदार जीत दर्ज की है. पार्टी को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिला है और कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखा दिया। कांग्रेस ने रणनीति के तहत इस चुनाव में जीत हासिल की. कांग्रेस ने न सिर्फ स्थानीय मुद्दों पर फोकस किया बल्कि भ्रष्टाचार को चुनाव का प्रमुख मुद्दा बनाया। इसी तर्ज पर कांग्रेस पार्टी मध्यप्रदेश में भी आगे बढ़ रही है हालही में पार्टी के महासचिव प्रियंका गांधी ने कर्नाटक के चुनाव अभियान के मध्य प्रदेश में भी 50 प्रतिशत कमीशन का मुद्दा छेड़ सियासी तूफान खड़ा कर दिया है. लेकिन लगता है कि दक्षिण के राज्य में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा करने वाली कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी की प्रयोगशाला कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में इससे किनारा कर लिया है. बता दें कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने का वादा किया था इसके चलते ध्रुवीकरण हुआ था कांग्रेस को जेडीएस के दबदबे वाली सीटों पर भी महिलाओं युवाओं के बीच भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए भी कदम उठाए। पार्टी ने गरीबों के बीच अपनी बात पहुंचाने के लिए चुनाव से पहले ही अपनी गारंटी जारी कर दी थी. यह गारंटियां महिलाओं और युवाओं को आकर्षित करने के लिए डिजाइन की गई थी और इसमें महंगाई और बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बनाया गया था।