विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं ने लगाया फोन हैकिंग का गंभीर आरोप
31 Oct 2023
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ब्यूरो रिपोर्ट/in24न्यूज़/मुंबई
केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लामबंद हुए विपक्षी इंडिया गठबंधन में शामिल कई नेताओं ने दावे के साथ मंगलवार को आरोप लगाया कि उनके फोन को हैक करने की कोशिश की गई. राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके फैन को हैक करने की कोशिश की गई. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत शशि थरूर, राघव चड्ढा, प्रियंका चतुर्वेदी, महुआ मोइत्रा और असदुद्दीन ओवैसी के साथ-साथ कई विपक्षी नेताओं ने Apple की तरफ से मिले अलर्ट के आधार पर दावा किया है कि मोदी सरकार उनके फोन और ईमेल को हैक करने की कोशिश कर रही है. विपक्षी नेताओं की शिकायत सामने आने के बाद बीजेपी ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह Apple कंपनी को स्पष्ट करना है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें (विपक्षी नेताओं को) इस मामले में FIR दर्ज करवानी चाहिए. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन नेताओं को मोबाइल कंपनी से पहले बातचीत करनी चाहिए और पूछना चाहिए कि आखिर क्या माजरा है. लेकिन, मैं अपने अनुभव से साथ कहना चाहता हूं कि कोई भी टेलीकॉम कंपनी ऐसा नहीं करती है. रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा,"राहुल गांधी ने पहले पेगासस के बारे में दावे किए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष आईफोन जमा करने से उन्होंने इनकार कर दिया था. उन्होंने आगे कहा कि ये एप्पल का काम है कि वह विपक्षी नेताओं और शिकायतकर्ताओं को इस अलर्ट पर स्पष्टीकरण दें.
कई नेताओं ने सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्ट अलर्ट मैसेज की स्क्रीनशॉट भी साझा किया. अलर्ट में लिखा है," अगर आपके डिवाइस के साथ किसी राज्य-प्रायोजित हमलावर ने छेड़छाड़ की है, तो वे आपके संवेदनशील डेटा, कम्युनिकेशन, या यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफोन तक पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं." विपक्षी नेताओं के आरोप के कुछ मिनटों के बाद ही एप्पल ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की. कंपनी की ओर से कहा गया कि हम किसी भी विशेष राज्य-प्रायोजित की सूचना नहीं देते. यह संभव है कि कुछ ऐप्पल खतरे की सूचनाएं गलत अलार्म हो सकती हैं, या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है. कंपनी ने आगे यह भी कहा कि ऐसा संभव है कि ये मैसेज एक फॉल्स अलार्म हो, जो इन खतरों की गलत जानकारी दे रहा हो. हमारे पास इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर किस वजह से यह अलर्ट जारी किया गया. कुल मिलाकर फोन हैकिंग का आरोप कितना सही है और कितना गलत यह तो जांच का विषय है.