11 साल की भारतीय मूल की बच्ची ने दुनिया में किया भारत का नाम रौशन
03 Aug 2021
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संवाददाता/in24 न्यूज़।
प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती! अमेरिकी विश्वविद्यालय ने भारतीय मूल की एक लड़की को दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली छात्रों में से एक घोषित किया है। 11 वर्षीय भारतीय मूल की अमेरिकी छात्रा नताशा पेरी न्यू जर्सी के थेल्मा एल सैंडमीयर एलीमेंट्री स्कूल की छात्रा है। उसे एसएटी और एसीटी मानकीकृत परीक्षाओं में असाधारण प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया है। दोनों परीक्षाओं में नताशा पेरी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। एक बयान में सोमवार को बताया गया कि युवा प्रतिभा केंद्र के तहत एसएटी, एसीटी या इसी तरह के मूल्यांकन में उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया है। वह 84 देशों के लगभग 19,000 विद्यार्थियों में से एक थी, जो 2020-21 प्रतिभा खोज वर्ष में सीटीवाई में शामिल हुई थी। सीटीवाई दुनिया भर के मेधावी छात्रों की पहचान करने और उनकी वास्तविक शैक्षणिक क्षमताओं की एक स्पष्ट तस्वीर प्रदान करने के लिए ‘अबव ग्रेड-लेवल’ परीक्षा आयोजित करता है। पेरी ने 2021 में यह परीक्षा दी थी जब वह पांचवी कक्षा में थी। वह ‘जॉन्स हॉपकिन्स सीटीवाई के उच्च सम्मान पुरस्कार में जगह बनाने में सफल रही। पेरी ने कहा कि यह मुझे और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। साथ ही कहा कि डूडल बनाने और जे आर आर टोलकिन के उपन्यासों को पढ़ने से उनको मदद मिली। स्कूली मूल्यांकन परीक्षा (सैट) और अमेरिकी कॉलेज परीक्षा (एसीटी) दोनों ही मानकीकृत परीक्षाएं हैं, जिनके आधार पर कई कॉलेज यह निर्धारित करते हैं कि किसी छात्र को प्रवेश देना है या नहीं। कुछ मामलों में, कंपनियां और गैर लाभकारी संगठन इन अंकों के आधार पर मेधा आधारित छात्रवृत्ति भी देते हैं। अमेरिका में सभी कॉलेजों के लिए विद्यार्थियों का या तो एसएटी या फिर एसीटी लेना जरूरी होता है और उनके अंक संबंधित विश्वविद्यालयों को सौंपने होते हैं। बहरहाल आज नताशा ने दुनिया के सामने एक भारतीय होने की गौरवपूर्ण मिसाल कायम की है।