कंधार पर किया तालिबान ने कब्जा
13 Aug 2021
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
कंधार पर तालिबान ने अपना कब्ज़ा जमा लिया है। अफगानिस्तान से नाटो और अमेरिका सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान को अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। अफगानिस्तान में जारी खूनी संघर्ष के बीच तालिबान ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार पर कब्जा कर लिया है। खबरों के मुताबिक, तालिबान ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने एक और प्रांतीय राजधानी कंधार पर कब्जा कर लिया है। अब सिर्फ राजधानी काबुल उससे बचा हुआ है। काबुल के बाद कंधार ही अफगानिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। अधिकारियों ने कहा कि कंधार पर गुरुवार रात तालिबानियों का कब्जा हो गया और सरकारी अधिकारी और उनका दल हवाई मार्ग से किसी तरह शहर से भागने में सफल रहे। गौरतलब है कि इस तरह से अफगानिस्तान में तालिबान की पकड़ धीरे-धीरे मजबूत होती जा रही है। अब तालिबानियों का अगला टारगेट काबुल ही होगा, मगर अभी काबुल खतरे से बाहर दिख रहा है। बता दें कि इसी कंधार में बीते दिनों तालिबानियों ने भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश की हत्या कर दी थी। कंधार पर कब्जा करने से पहले गुरुवार को तालिबान ने दो और प्रांतीय राजधानी गजनी और हेरात पर कब्जा कर लिया था। तालिबानी लड़ाके काबुल से महज 130 किलोमीटर दूर है। इस तरह से आतंकवादी संगठन अब तक 12 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर चुका है। गजनी में उग्रवादियों ने श्वेत झंडे फहराए। दो स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि शहर के बाहर स्थित एक सैन्य प्रतिष्ठान और खुफिया ठिकाने पर छिटपुट लड़ाई अब भी चल रही है। तालिबान की ओर से ऑनलाइन वीडियो और तस्वीरें डाली गईं, जिनमें उसके लड़ाके गजनी प्रांत की राजधानी गजनी में नजर आ रहे हैं। कई दिनों से जारी लड़ाई पर अफगान सुरक्षा बल और सरकार कोई टिप्पणी करने को तैयार नहीं हैं। लगातार बढ़त बना रहे तालिबान से काबुल को सीधे कोई खतरा नहीं है, लेकिन उसकी तेज बढ़त सवाल खड़े करती है कि अफगान सरकार अपने पास बचे इलाकों को आखिर कब तक नियंत्रण में रख पाएगी। संभवत: सरकार राजधानी और कुछ अन्य शहरों को बचाने के लिए अपने कदम वापस लेने पर मजबूर हो जाए क्योंकि लड़ाई के कारण विस्थापित हजारों लोग काबुल भाग आए हैं और खुले स्थानों और उद्यानों में रह रहे हैं। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं में किस तरह की बातें आती है, यह भी साफ हो जाएगा।