ख़ुफ़िया जानकारी से भारत की मदद के लिए अमेरिका से हुआ करार

 02 Oct 2021  669

संवाददाता/in24 न्यूज़.
कहावत है कि जब दो दोस्त मिल जाते हैं तो दुश्मन की ख़ैर नहीं रहती! अब भारत और अमेरिका की दोस्ती एक अलग रंग लानेवाली है।  भारत और अमेरिका के रक्षा उद्योग और संयंत्र आपस में खुफिया और अन्य क्लासीफाइड जानकारियां साझा करेंगे। दिल्ली में 27 सितंबर से एक अक्तूबर तक चली मैराथन बैठक के बाद दोनों देशों ने इससे संबंधित सैद्धांतिक करार को अंतिम रूप दे दिया है। इसके तहत जल्द ही भारत-अमेरिका औद्योगिक सुरक्षा संयुक्त कार्यबल तैयार होगा जो इस साझेदारी के नियम और प्रोटोकॉल को हरी झंडी देगा। अमेरिका के साथ यह करार भारत के रक्षा उत्पाद में आत्मनिर्भरता और तेजी लाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह समूह रक्षा तकनीक की साझेदारी के लिए भी एक दूरगामी योजना को मूर्त रूप देगा। यह काम तय समय सीमा में किया जाना है। मंत्रालय ने जानकारी दी कि इस काम के लिए दोनों देशों ने डिजिग्नेटेड सिक्योरिटी अथॉरिटी (डीएसए) का गठन किया। भारत की ओर से अनुराग वाजपेयी और अमेरिका की ओर से डेविड पॉल बगनाती इसकी अगुवाई कर रहे हैं। यह काम 2019 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर हुए औद्योगिक सुरक्षा समझौता (आईएसए) के तहत किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार, डीएसए ने इस अहम मुकाम तक पहुंचने से पहले दोनों देशों के रक्षा उद्योग का गहन दौरा कर पूरी योजना का ब्लू प्रिंट तैयार किया है। सूत्रों ने बताया कि रक्षा उत्पादक देशों और बड़ी कंपनियों की इस जटिल व्यवस्था में अमेरिका जैसे देश के साथ यह करार एक बड़ी उपलब्धि है।इसके साथ ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने बृहस्पतिवार को अपने अमेरिकी समकक्ष जनरल मार्क माइले से मुलाकात की। दोनों ने ही क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के तरीकों और राजनीतिक नेतृत्व के प्रधान सैन्य सलाहकार के तौर पर अपनी-अपनी भूमिकाओं समेत अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने यह जानकारी दी। जनरल रावत का यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की व्हाइट हाउस में मुलाकात के एक हफ्ते बाद हुई है। मोदी और बाइडन ने दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने की जरूरत की प्रतिबद्धता जताई थी। अमेरिका के ज्वाइंट स्टाफ के प्रवक्ता कर्नल डेव बटलर ने बताया कि दोनों सीडीएस ने प्रशिक्षण अभ्यासों में सहयोग जारी रखने और दोनों देशों की सेनाओं के बीच अंतर-संचालनीयता बढ़ाने के लिए अधिक मौके उत्पन्न करने पर सहमति जताई। उन्होंने बताया कि जनरल माइले और उनकी पत्नी ने ज्वाइंट बेस मायर-हेंडरसन हॉल में सशस्त्र बलों के पूर्ण सम्मान आगमन समारोह के दौरान जनरल रावत का स्वागत किया।जनरल माइले ने जनरल रावत को उनकी सराहनीय सेवा और नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया, जिसने अमेरिका और भारत की साझेदारी की मजबूती में अहम योगदान दिया है। साथ ही जनरल रावत ने अपनी आधिकारिक यात्रा के तहत अज्ञात शहीदोें की समाधि पर माल्यार्पण किया। बटलर ने कहा कि स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत का समर्थन करने वाली भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा भागीदारी के तहत भारत और अमेरिका सेना से सेना के बीच मजबूत संबंध साझा करते हैं। बता दें कि भारत को आंख दिखाने की हिमाकत करनेवालों को अब कई बार सोचना पड़ेगा।