सवालों के घेरे में फंसा फेसबुक
06 Oct 2021
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
सोशल नेटवर्क फेसबुक पर एक गंभीर सवाल उठ खड़ा हुआ है। आंतरिक दस्तावेज लीक होने के बाद फेसबुक पर लोगों की सुरक्षा को दांव पर लगाने के आरोप लगा है। इस पर फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने सफाई दी है। उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह सच नहीं है। फेसबुक ने लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा है। दरअसल, कुछ दिन पहले फेसबुक के इंटर्नल दस्तावेज लीक करने वाली फ्रांसेस हौगेन अब खुलकर सामने आई हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि फेसबुक ने पैसा कमाने के लिए लोगों की सुरक्षा को दांव पर लगा दिया है। कंपनी का फ्यूल डिवीजन बच्चों को नुकसान पहुंचाता है, इसे नियंत्रित करने की जरूरत है। गौरतलब है कि मार्क जुकरबर्ग का बयान तब सामने आया है जब सोमवार रात छह घंटे के लिए फेसबुक का सर्वर डाउन होने के बाद कंपनी के शेयर एकाएक नीचे गिर गए। इससे पहले जब पूर्व कर्मचारी फ्रांसेस ने कंपनी के दस्तावेज लीक किए थे तब भी कंपनी को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। फ्रांसेस हौगेन फेसबुक की ही कर्मचारी रही हैं। एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि मैंने फेसबुक इसलिए ज्वाइन किया था क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि यहां से मैं दुनिया के लिए अच्छा कर सकती हूं, लेकिन मैं वहां से इसलिए चली आई क्योंकि फेसबुक के उत्पाद बच्चों के लिए नुकसानदेह होते हैं। ये विभाजन को बढ़ावा देते हैं और लेाकतंत्र को खतरे में डालते हैं। मार्क जुकरबर्ग ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया है कि यह कहना बहुत ही अतार्किक होगा कि हम लाभ कमाने के लिए जानबूझ कर ऐसे कंटेंट को आगे बढ़ाते हैं, जो लोगों को गुस्सा दिलाता है। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी ऐसी तकनीकी कंपनी को नहीं जानता जो ऐसे कंटेंट का उत्पाद करती हो जो लोगों को नाराज या उदास कर दे। जुकरबर्ग ने कहा कि हमने पिछले कई सालों में इंडस्ट्री के मुताबिक लोगों की मदद की है। उनके लिए काम किया है। हमें अपने काम पर गर्व है। बता दें कि आज भारी संख्या में फेसबुक के यूजर्स हैं।