पाकिस्तान में पत्थरबाजी और आगजनी से 4 पुलिसकर्मियों समेत 8 की मौत

 28 Oct 2021  528

संवाददाता/in24 न्यूज़.
आतंकवाद को हवा देनेवाले पाकिस्तान को स्वयं झुलसना पड़ रहा है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी के समर्थकों और पुलिस के बीच बुधवार को हुई ताजा झड़प में चार पुलिसकर्मियों समेत कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई। बढ़ते तनाव के बीच इमरान खान सरकार ने प्रांत में प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पाकिस्तानी रेंजर्स की तैनाती का फैसला किया है। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने कहा कि ताजा झड़पों को ध्यान में रखते हुए पंजाब में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के वास्ते दो महीने के लिए रेंजर्स को बुलाया गया है।तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थक पार्टी प्रमुख साद रिजवी की रिहाई और फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन की मांग कर रहे हैं। प्रतिबंधित टीएलपी के 10,000 से अधिक समर्थक पिछले तीन दिनों से जीटी रोड पर मुरीदके और गुजरांवाला के बीच डेरा डाले हुए थे। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार के इंकार के बाद  बुधवार को उन्होंने इस्लामाबाद की ओर मार्च शुरू किया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच लाहौर से करीब 50 किलोमीटर दूर सधोके क्षेत्र में झड़पें शुरू हो गईं। सरकार ने घोषणा की थी कि वह फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन की टीएलपी की मांग को पूरा नहीं कर सकती। फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित होने के बाद टीएलपी के समर्थकों ने अप्रैल में विरोध प्रदर्शन करते हुए फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने और फ्रांस के सामानों के आयात पर पाबंदी लगाने की मांग की थी, जिसके बाद पंजाब सरकार ने सार्वजनिक व्यवस्था (एमपीओ) कायम रखने के तहत पार्टी के संस्थापक दिवंगत खादिम रिजवी के बेटे साद रिजवी को हिरासत में लिया था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब टीएलपी कार्यकर्ता साधोक पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक रोका। यह इलाका युद्ध का मैदान बन गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। झड़पों में पुलिसकर्मियों सहित दर्जनों टीएलपी कार्यकर्ता घायल हो गए। इतना ही नहीं, कई इलाकों में इंटरनेट बंद है। पंजाब के पुलिस निरीक्षक राव सरदार अली खान ने संवाददाताओं से कहा कि प्रदर्शन के दौरान प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा सुरक्षा बलों पर की गई गोलीबारी में हमारे चार पुलिसकर्मी मारे गए जबकि 263 अन्य लोग घायल हुए हैं। टीएलपी के पदाधिकारी इब्ने-इस्माईल ने बताया कि पुलिस गोलीबारी में पार्टी के कम से कम चार कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि टीलएपी के हजारों कार्यकर्ता अपनी जान दे देंगे लेकिन अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। अब देखना होगा कि अपने ही घर में आतंक को बढ़ावा देनेवाले पाकिस्तान आतंकवाद से कबतक बचता है!