जिस गांव में कभी दो सौ लोग रहते थे अब वहां सिर्फ एक आदमी है

 21 Dec 2021  646

संवाददाता/in24 न्यूज़.
इंसान भले ही लाख तरक्की कर ले पर वह अकेला नहीं रह सकता। दुनिया में तमाम अद्भुत और अनोखी चीजें और स्थान हैं जिनके बारे में बहुत काम लोग जानते हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक अद्भुत स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद ही आपने कभी सुना हो। क्योंकि ये स्थान एक गांव है जहां कुछ साल पहले तब 200 लोग रहते थे, लेकिन अब इस गांव में सिर्फ एक इंसान बचा है और वह अकेला ही यहां रहने को मजबूर है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं रूस की सीमा पर बसे डोबरुसा गांव की, जहां आज से करीब 30 साल पहले 200 लोग रहते थे, लेकिन आज के समय में इस गांव में महज एक व्यक्ति रहता है। बता दें कि तब रूस सोवियत संघ का हिस्सा होता था। जो कई देशों के मिलने से बना था।  लेकिन जब सोवियत संघ टूटा और रूस समेत कई देश अस्तित्व में आए, उसके बाद इस गांव के लोग आस-पास के शहरों या अन्य दूसरे जगहों पर बसने के लिए चले गए। बाकी जो लोग बचे वह वृद्ध हो गए और कुछ ही सालों में उनका निधन हो गया। इन सब के बावजूद साल 2020 के शुरुआत में यहां तीन लोग बच गए थे। डोबरुसा गांव में बचे तीन लोगों में से एक दंपत्ति जेना और लिडा की बीते फरवरी में हत्या हो गई थी। इसके बाद से ही इस गांव में सिर्फ एक व्यक्ति गरीसा मुनटेन बचा है। भले ही गरीसा मुनटेन के साथ कोई नहीं रहता है, लेकिन ये गांव में अकेले नहीं हैं। इनके साथ बहुत से जीव रहते हैं। गरीसा 5 कुत्ते, 9 टर्की पक्षी, 2 बिल्लियां, 42 मुर्गियां, 120 बत्तखें, 50 कबूतर और कई हजार मधुमक्खियां के साथ अपना जीवन बिता रहे हैं। गरीसा मुनटेन ने इस बारे में बताया कि उनके गांव के करीब 50 घर थे, लेकिन अब अधिकतर लोग सोवियत संघ के टूटने के बाद नजदीकी शहर मालडोवा, रुस या फिर यूरोप में जाकर बस चुके हैं। गरीसा इस बात को मानते हैं कि अकेले रहने के वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। हालांकि, अपना अकेलापन दूर करने के लिए गरीसा ने एक अनोखा तरीका अपनाया है। वे बताते हैं कि खेतों में काम करने के दौरान वह पेड़ों से, पक्षियों से, जानवरों से ही बातें करते रहते हैं। ऐसे में  उनकी परेशानी का अंदाज़ा कोई भी लगा सकता है।