भारतीय मीडिया के रिपोर्टिंग से नाराज हुआ रुस, निष्पक्ष रिपोर्टिंग करने का किया अनुरोध
01 Mar 2022
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संवाददाता/ in24 न्यूज़
यूक्रेन पर हमला (Russia Ukraine War) करने के बाद भारतीय मीडिया के कवरेज को लेकर नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास ने नाराजगी जताई है। रूसी एम्बेसी (Russian Embassy Delhi) ने एडवाइजरी जारी कर भारतीय मीडिया से सटीक और निष्पक्ष रिपोर्टिंग करने का अनुरोध किया है। इस बारे में रूसी एम्बेसी ने कहा कि यूक्रेन में संकट के संबंध में भारतीय मीडिया (indian media) से सटीक होने का अनुरोध किया जाता है ताकि भारतीय जनता को ऑब्जेक्टिव इंफॉर्मेशन मिल सके।
रशियन दूतावास ने ट्वीट पर सफाई देते हुए कहा कि, हमने यूक्रेन और उसके लोगों के खिलाफ युद्ध नहीं छेड़ा है। यह यूक्रेन के डोनबास में आठ साल के युद्ध को खत्म करने के लिए चलाया जा रहा खास सैन्य अभियान है। जिसका मकसद यूक्रेन के सैन्यीकरण और नाजीकरण को खत्म करना है।
एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कहा रूसी दूतावास ने कहा कि, रूसी सेना अत्यधिक संयम के साथ काम ले रही है। वह यूक्रेनी नागरिकों और शहरों पर हमला नहीं कर रही है। रूसी सेना सिर्फ सेना से जुड़े बुनियादी ढांचे को ही निशाना बना रही है। दूतावास की तरफ से दावा किया गया है कि रूसी सेना यूक्रेन के उलट प्रतिबंधित हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर रही है। रूसी सेना नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल नहीं करती है। इसके अलावा रूसी सेना युद्ध के कैदियों के साथ अधिकतम सम्मान के साथ व्यवहार करती है।
रुस ने अपने बयान में बताया कि ️यूक्रेन में स्थित सभी परमाणु स्थल सुरक्षित हैं। इसकी पुष्टि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने भी की है। दूतावास ने कहा कि इसके उलट दी जा रही कोई भी जानकारी पक्षपाती और भ्रामक है। बता दें कि रूसी दूतावास इससे पहले भी कई बार भारतीय मीडिया की रिपोर्टिंग पर नाराजगी जाहिर कर चुका है।
गौरतलब है कि हमले के बाद से यूक्रेन ने दावा किया था कि रूसी सेना ने कीव, खारकीव और चेरनोबिल में परमाणु कचरे वाले ठिकानों को निशाना बनाया है। और रूसी मिसाइल हमले में कीव में परमाणु कचरा स्थल को नुकसान पहुंचा है।
जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने कीव में रेडिएशन लेवल की जांच भी की है। इसके अलावा यह भी खबर आई थी कि रूसी सेना ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में परमाणु कचरा स्थल की इलेक्ट्रिक ट्रांसफॉर्मर को निशाना बनाया था। इससे पूरे साइट पर अंधेरा छा गया था। हालांकि रूस ने इस दावे को खारिज कर दिया था। इस जगह पर 26 अप्रैल 1986 को एक बड़ा हादसा हुआ था, जिसका सबूत आज भी यहां मौजूद है।