पुतिन ने दिए 'न्यूक्लियर वॉर ड्रिल' के आदेश- परिवार को भेजा साइबेरिया
20 Mar 2022
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संवाददाता/in24 न्यूज़।
अब परमाणु युद्ध की तरफ रूस ने बढ़ने का इरादा किया है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का आज 25वां दिन है। लेकिन ये युद्ध थमने के बजाय और ज्यादा बढ़ता दिख रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भले ही दुनियाभर के देशों से रूस पर दबाव बनाने और युद्ध को रोकने में मदद करने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मंशा कुछ और है। इसका इशारा उन्होंने युद्ध के मैदान में हाइपरसोनिक मिसाइल की एंट्री कराके दे दिया है। अब खबरें आ रही हैं कि पुतिन ने परमाणु युद्ध की ओर पहला कदम बढ़ा दिया है। यह दावा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि पुतिन ने अपनी सेना को न्यूक्लियर वॉर ड्रिल के लिए अभ्यास करने का आदेश दे दिया है। इतना ही नहीं सुरक्षा के लिए अपने परिवार को साइबेरिया भेज दिया है। वहीं परमाणु निकासी ड्रिल की रिपोर्ट ने क्रेमलिन(रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) के अधिकारियों को झकझोर कर रख दिया है। अधिकारी सकते में हैं कि पुतिन के इस निर्णय का अंजाम कितना भयानक हो सकता है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि 25 दिन युद्ध के बीत जाने पर भी यूक्रेन ने अब तक हथियार नहीं डाला है जिस वजह से पुतिन काफी नाराज हो गए हैं और उन्होंने इसे चुनौती मान लिया है। पुतिन यह सोच रहे हैं कि एक छोटा सा देश उन्हें चुनौती दे रहा है। दावों के अनुसार, क्रेमलिन के वरिष्ठ राजनीतिक हस्तियों को खुद पुतिन ने सूचना दी है कि वे परमाणु युद्ध की तैयारी में निकासी अभ्यास में भाग लेंगे। पुतिन के परिवार के सदस्यों के बारे में बहुत कुछ नहीं पता है, लेकिन जब से रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ, रिपोर्टों में दावा किया गया कि पुतिन ने अपने तत्काल परिवार के अज्ञात सदस्यों को साइबेरिया के तेह अल्ताई पर्वत में एक हाई-टेक भूमिगत बंकर में स्थानांतरित कर दिया, जो एक संपूर्ण भूमिगत शहर है। पुतिन के पास एक खतरनाक योजना तैयार है और यह कोई रहस्य नहीं है। परमाणु संघर्ष के लिए रूस के पास डूम्सडे विमान हैं जिनका उपयोग पुतिन और उनके करीबी सहयोगियों द्वारा परमाणु युद्ध में किया जाएगा। एक स्काई बंकर भी डूम्सडे प्लान के तहत था, लेकिन माना जाता है कि यह अभी तैयार नहीं हुआ है। पश्चिमी देशों की कुछ खुफिया एजेंसियां हालिया उपस्थितियों के माध्यम से पुतिन के दिमाग का विश्लेषण करने की कोशिश कर रहे हैं, वे पाते हैं कि पुतिन 'अपनी खुद की एक बंद दुनिया में फंस गए हैं', जहां वह अकेला निर्णय निर्माता है और वह अन्य दृष्टिकोणों से बिल्कुल अलग है। बता दें कि युद्ध के खिलाफ अनेक देशों के आग्रह को पुतिन ने मानने से इंकार कर दिया है।