सऊदी अरब की एक महिला को ट्विटर यूज करने के आरोप में 34 साल की सजा
17 Aug 2022
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
ट्विटर पर थोड़ी सी असावधानी भी महंगी पड़ सकती है। सऊदी अरब की एक महिला को ट्विटर यूज करने के आरोप में 34 साल की सजा सुनाई गई है। लीड्स यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली सऊदी स्टूडेंट सलमा अल-शहाब छुट्टी पर घर आई थी और तभी उसे 34 साल की जेल की सजा सुना दी। आरोप है कि उसका ट्विटर पर अकाउंट है और उसने असंतुष्टों और एक्टिविस्ट्स को फॉलो किया और उनके ट्वीट को रिट्वीट किया। सजा सऊदी की स्पेशल टेररिस्ट कोर्ट ने सुनाई। यह मामला इस बात का उदाहरण है कि कैसे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने दमन के अभियान में ट्विटर यूजर्स को निशाना बनाया है और इसके साथ ही सऊदी के सॉवरेन वेल्थ फंड, पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) के माध्यम से इस अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी में एक प्रमुख अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी को नियंत्रित किया है। 34 साल की सलमा 2 बच्चों की मां है। उन्हें पहले इंटरनेट वेबसाइट के उपयोग के लिए 3 साल की सजा हो चुकी है। उन पर सार्वजनिक अशांति पैदा करना और नागरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का आरोप लगा। अब 34 साल की सजा के साथ उनकी यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है। सलमा पर नए आरोप भी लगाए गए हैं। सलमा के सोशल मीडिया अकाउंट्स की बात करें तो वो सऊदी एक्टिविस्ट को न तो आगे बढ़ा रही हैं और ना उसको लीड कर रही हैं। इंस्टाग्राम पर उन्होंने खुद को डेंटल हाईजीनिस्ट, मेडिकल एजुकेटर, पीएडी स्टूडेंट बताया है। वो प्रिंसेस नूरा बिन्त अब्दुलरहमान यूनिवर्सिटी में लेक्चरर हैं। उनके ट्विटर पर 2500 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। बहरहाल, इस घटना के बाद एक नई बहस छिड़ गई है कि क्या यह इतना गंभीर अपराध है!