पगड़ी बांधने वाली पहली सिख महिला बनीं कनाडा में पार्षद

 27 Oct 2022  466

संवाददाता/in24 न्यूज़.
भारतीय मूल के ऋषि सुनक के ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बनने के बाद एक और भारतीय मूल की कनाडाई स्वास्थ्यकर्मी नवजीत कौर बरार (Navjit Kaur Brar) ने भारत का नाम रौशन किया है। नवनीत कनाडा के ब्राम्पटन (brampton) शहर में पार्षद चुनीं गईं हैं। वह पगड़ी बांधने वाली पहली सिख महिला हैं जो यहां पार्षद बनी हैं। वह निगम चुनाव में वार्ड दो और छह से चुनाव जीती हैं। उन्हें इस चुनाव में 28.85 फीसदी वोट मिले। नवजीत पहले ब्राम्पटन पश्चिम से कंजर्वेटिव पार्टी के टिकट पर संसदीय चुनाव लड़ चुकीं हैं और तीन बच्चों की मां हैं। ब्राम्पटन के महापौर पैट्रिक ब्राउन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मुझे नवजीत कौर बरार पर गर्व है। वह नि:स्वार्थ हैं और महामारी के दौरान समर्पित फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर रहीं हैं। उन्होंने जनसेवा के लिए कदम बढ़ाया है और मुझे विश्वास है कि वह ब्राम्पटन सिटी काउंसिल के लिए बड़ी उपलब्धि होंगी। बरार ने कहा कि मैं समझती हूं कि बहुत सारे लोग अपने आपके को मुझसे जोड़ सकते हैं। मैं बस श्वास मामले की डॉक्टर हूं। मैंने बहुत सारे लोगों के साथ काम किया है। मैं तीन बच्चों की मां हूं और ब्राम्पटन में ढेर सारे लोग मेरे परिवार हैं। उन्होंने नये बुनियादी ढांचे के निर्माण, अपराध में कमी लाने और सड़क सुरक्षा में सुधार पर बल दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक बरार के निकटतम प्रतिद्वंदी चेम्बर्स रहे। उनको 22.59 फीसदी तो तीसरे नंबर कारमेन विल्सन को 15.41 फीसदी वोट मिले। नवनीत ने चुनावों के दौरान काफी मेहनत की। इलेक्शन कैंपन के दौरान उन्होंने बीते दो महीनों में 40,000 से अधिक घरों पर गईं और 22,500 से अधिक निवासियों से बात की। एक अन्य सिख उम्मीदवार गुरप्रताप सिंह तूर ने वार्ड 9 और 10 में अपने प्रतिद्वंद्वी गुरप्रीत ढिल्लों को 227 मतों से हराया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्राम्पटन निकाय चुनावों के लिए 40 पंजाबी मैदान में थे और 354,884 वोटर थे, लेकिन इनमें से केवल 87,155 ही मतदान किया। इस हिसाब से महज 24.56 प्रतिशत ही मतदान हुआ था। भारत-कनाडाई समुदाय ने पार्षद उम्मीदवारों के साथ दिवाली के साथ चुनाव की तारीख को लेकर पहले से ही चिंता जताई थी। कनाडा में भारतीय प्रवासियों की अच्छी खासी संख्या है और दिवाली उनका सबसे प्रमुख त्योहार है। गुरप्रताप सिंह तूर ने कहा कि यह बहुत ही समस्याग्रस्त है कि चुनाव दिवाली के दिन हो रहे हैं, खासकर नगरपालिका चुनाव में हमेशा कम मतदान हुआ है। नगरपालिका सरकार के चुनाव हर चार साल में अक्टूबर के चौथे सोमवार को होते हैं, जो इस बार 24 अक्टूबर को पड़ा और उसी दिन दिवाली थी। बहरहाल नवनीत की जीत ने साफ़ कर दिया है कि मेहनत और लगन से दुनिया के किसी भी हिस्से में आप अपना वजूद बना सकते हैं।