भूकंप में 94 घंटों तक मलबे में दबे युवक ने पेशाब पीकर बचाई अपनी ज़िंदगी
13 Feb 2023
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संवाददाता/in24 न्यूज़।
पिछले छह फरवरी को तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में आए विनाशकारी भूकंप (Earthquake) के बाद लगातार छठे दिन शनिवार को भी बचाव कार्य जारी है। भूकंप में मरने वालों की संख्या अब तक 23,831 तक पहुंच गई है। भूकंप के कारण कई हृदयविदारक घटनाएं सामने आ रही हैं जैसे कि 17 साल के युवक अदनान मुहम्मद कोरकुट ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि जब भूकंप आया तो वह अपने परिवार के साथ घर में सो रहा था, लेकिन अचानक वह ऐसी स्थिति में आ गया कि वह हिल भी नहीं पा रहा था। तुर्की के गाजियांटेप शहर का रहने वाला युवक करीब 94 घंटों तक मलबे में दबा रहा। युवक ने बताया कि पेशाब पीने के अलावा उसने पास पड़े पौधों के फूल भी चबाए। अस्पताल में इलाज के दौरान शख्स ने कहा कि मैं बाहर की आवाजें सुन रहा था, मुझे पता था कि बाहर बचाव दल के लोग तलाशी अभियान चला रहे हैं, लेकिन मुझे डर था कि वह मेरी आवाज़ सुन सकेंगे या नहीं। इतना ही नहीं युवक को यह भी डर था कि बचाव के दौरान मैं गलती से मलबे के अंदर कुचल न जाऊं, क्योंकि मलबे को हटाने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों का इस्तेमाल हो रहा था। भूकंप के चार दिनों बाद आखिरकार बचाव दल ने युवक को ढूंढ लिया। वहीं, अनादोलू समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (एएफएडी) ने अपने ताजा अपडेट में कहा कि देश में मरने वालों की संख्या 20,318 है। वहीं 80,052 लोग घायल हुए हैं। कहारनमारस प्रांत में केंद्रित 7.7 और 7.6 तीव्रता के भूकंपों ने अदाना, अदियामन, दियारबाकिर, गाजियांटेप, हटे, किलिस, मालट्या, उस्मानिया और सनलिउर्फा प्रांतों में 13 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित किया। सीएनएन ने बताया कि सीरिया में मारे गए लोगों की संख्या 3,513 है। स्वयंसेवी संगठन सीरिया सिविल डिफेंस के अनुसार, जिसे व्हाइट हेल्मेट्स के रूप में भी जाना जाता है, देश के उत्तर-पश्चिम में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में 2,166 मौतें दर्ज की गईं। इस बीच, सीरियाई राज्य मीडिया ने कहा है कि युद्धग्रस्त राष्ट्र के सरकार-नियंत्रित हिस्सों में 1,347 लोगों के मारे जाने की सूचना है। उत्तरी और उत्तर पश्चिमी सीरिया में भूकंप प्रभावित विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में तत्काल आपूर्ति की डिलीवरी विपक्षी समूहों और सीरियाई सरकार के बीच लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध से जटिल हो गई है। उन्होंने कहा कि आपातकालीन कार्य बहुत कठिन था, क्योंकि भूकंप का विनाशकारी प्रभाव 500 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ था। उन्होंने कहा कि कार्यो में ठंड एक और बाधा बन रही है। एर्दोगन ने पहले स्वीकार किया था कि पहले दिन आपदा के बाद कार्रवाई करने में सरकार की कमियां थीं, लेकिन फिर स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित किया गया।
लेकिन अब देश विदेशी आपातकालीन टीमों सहित 141,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी खोज और बचाव टीमों को इकट्ठा कर चुका है। वे लोग जो टेंट में नहीं रहना चाहते, उनके लिए राष्ट्रपति ने एक साल के भीतर भूकंप प्रभावित क्षेत्र का पुनर्निर्माण करने और भूकंप के पीड़ितों के लिए एक वर्ष की किराये की सहायता प्रदान करने का फैसला लिया है। एर्दोगन की सरकार को भूकंप पीड़ितों की आलोचना का सामना करना पड़ा है कि आपातकालीन मदद देर से शुरु की गई थी और 10 प्रांतों के भूकंप क्षेत्र में मानवीय सहायता पर्याप्त नहीं थी, जो लगभग 13.5 मिलियन लोगों का घर है। बता दें कि दुनिया भर में इस भूकंप ने दहशत का माहौल बना दिया है।