उड़ान भरते ही सबसे ताकतवर स्टारशिप रॉकेट में विस्फोट, टुकड़ों में बंटा

 21 Apr 2023  789

संवाददाता/in24 न्यूज़.
एक इतिहास बनने से पहले ही बिखर कर रह गया। मामला स्पेसएक्स (SpaceX) रॉकेट का है। मंगल ग्रह (Mars planet) पर इंसानों को ले जाने वाले रॉकेट स्टारशिप (starship) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया लेकिन लॉन्चिंग के दौरान रॉकेट उड़ान भरते ही चार मिनट बाद फट गया। भारतीय समयानुसार रॉकेट को 20 अप्रैल शाम सात बजे लॉन्च किया गया था। जानकारी के अनुसार रॉकेट ने करीब 33 किलोमीटर की ऊंचाई भरी थी कि बीच रास्ते में विस्फोट हो गया। इससे पहले मंगलवार को भी इसे लॉन्च करने की कोशिश की गई थी, लेकिन प्रेशर वाल्व के फ्रीज होने के कारण लॉन्च 39 सेकेंड पहले रोक दिया गया था। स्टेनलेस स्टील से बने स्टारशिप को दुनिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने बनाया है। स्पेसएक्स ने कहा कि स्टेज सेपरेशन से पहले स्टारशिप ने रेपिट अनशेड्यूल्ड डिसेसेंबली एक्सपीरियंस की। इस तरह के एक टेस्ट के साथ, हम जो सीखते हैं उससे सफलता मिलती है। आज का टेस्ट हमें स्टारशिप की रिलायबिलिटी में सुधार करने में मदद करेगा।स्टारशिप दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट है। यह रॉकेट दो हिस्से में बंटा है। ऊपर वाला हिस्सा जिसे स्टारशिप कहते हैं। यह अंतरिक्ष में यात्रियों को लेकर मंगल तक लेकर जाएगा। इसकी ऊंचाई 164 फीट है। इसके अंदर 1200 टन ईंधन आता है यह रॉकेट इतना ताकतवर है कि पृथ्वी पर एक कोने से दूसरे तक मात्र एक घंटे के अंदर पहुंचा देगा यानी इंटरनेशनल ट्रिप 30 मिनट या उससे थोड़े ज्यादा समय में पूरी करने की क्षमता रखता था। दूसरा हिस्सा है सुपर हैवी है। यह 226 फीट ऊंचा रॉकेट है जो रीयूजेबल है। यानी यह स्टारशिप को एक ऊंचाई तक ले जाकर वापस आ जाएगा। इसके अंदर 3400 टन ईंधन आता है। स्टारशिप मानवता के इतिहास में बनाया गया सबसे बड़ा लॉन्च सिस्टम यानी रॉकेट है। यह इतना बड़ा है कि इसमें 100 लोग बैठकर अंतरिक्ष में लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं। यहां तक एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक जा सकते हैं। इसलिए इस रॉकेट को चंद्रमा और मंगल मिशन के लिए चुना गया है ताकि इंसानों को वहां पर ले जाया जा सके। स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने कहा कि यह एक बेहद जटिल रॉकेट की पहली उड़ान है। इसकी सफलता को लेकर 50-50 चांस है फेल भी हो सकता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने अर्टेमिस-3 के लिए स्पेसएक्स को चुना था ताकि इंसानों को 2025 के अंत तक चंद्रमा पर पहुंचाया जा सके। सुपर हैवी रॉकेट और स्टारशिप आज तक एक साथ नहीं उड़े हैं। बता दें कि इस हादसे से बहुत बड़ा नुकसान सामने आया है।