टाइटन में सवार लोगों के पास बचा है चंद घंटे तक ऑक्सीजन, जानें कितनी गहराई में है टाइटैनिक का मलबा
22 Jun 2023
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संवाददाता/ in24news
बीते रविवार को दुनिया के सबसे चर्चित जहाज टाइटैनिक का मलबा दिखाने वाली पनडुब्बी टाइटन समुद्र की गहराई में लापता हो गई. पनडुब्बी में पांच अरबपति सवार थे जिनकी तलाश जोर-शोर से जारी है. कहा जा रहा है कि इस पनडुब्बी में महज कुछ घंटों की ही ऑक्सीजन बची है. बीतते समय के साथ पनडुब्बी में सवार लोगों के बचने की उम्मीद भी धुंधली होती जा रही है. टाइटन एक छोटी कैप्सूल के आकार की पनडुब्बी है जिसकी अधिकतम क्षमता पांच लोगों की है. जब यह गायब हुई तब इसमें पांच लोग सवार थे. पनडुब्बी 6.7 मीटर लंबी, 2.8 मीटर चौड़ी और 2.5 मीटर ऊंची है. इसमें 96 घंटे की ऑक्सीजन होती है. पनडुब्बी में बैठने के लिए कोई सीट नहीं है बल्कि एक सपाट फर्श है जिस पर पांच लोग बैठ सकते हैं. 21 फीट लंबी पनडुब्बी के अंदर लोगों के पैर पसारने तक की जगह नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि पनडुब्बी में सवार लोगों के पास सीमित मात्रा में खाना और पानी था. इसके अलावा उसमें बाहर देखने के लिए महज 21 इंच व्यास की एक खिड़की है. टाइटैनिक तक पहुंचकर वापस आने में आठ घंटे का समय लगता है. टाइटैनिक का मलबा 12,500 फीट की गहराई में है जहां तक जाने के लिए दो घंटे, टाइटैनिक को देखने के लिए चार घंटे और वहां से वापस आने में दो घंटे लगते हैं.
कितनी गहराई में है टाइटैनिक का मलबा?
टाइटैनिक का मलबा समुद्र की सतह से 12,500 फीट की गहराई में है. सूरज की रोशनी समुद्र के पानी में महज 660 फीट तक ही जा सकती है. स्कूबा डाइविंग के लिए लोग 130 फीट गहराई तक ही जाते हैं. समुद्र में अब तक का सबसे गहरा अंडरवाटर रेस्क्यू 1,575 फीट की गहराई में किया गया था. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि टाइटैनिक का मलबा दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा की ऊंचाई से भी साढ़े चार गुना ज्यादा गहराई में है.