प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो दिवसीय सऊदी अरब दौरा

 29 Oct 2019  1109
संवाददाता/in24 न्यूज़। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देर रात सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचे हैं। दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में मोदी के इस दौरे को अहम माना जा रहा है। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के दुष्प्रचार और परमाणु युद्ध की धमकी के मद्देनजर भी मोदी का सऊदी दौरा महत्वपूर्ण है। आपको बता दें कि जम्मू और कश्मीर में आर्टिकल 370 को समाप्त करने के भारत के फैसले पर सऊदी अरब का रवैया तटस्थ रहा है।भारत और सऊदी अरब के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। इनमें स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप काउंसिल पर एमओयू, एनर्जी सेक्टर में डील्स, भारत के नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड इनवेस्टमेंट फंड में सऊदी निवेश और सिक्यॉरिटी में आपसी सहयोग बढ़ाना शामिल हैं पीएम मोदी आज रियाद में फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशटिव (एफआईआई) फोरम के सेशन को संबोधित करेंगे।एफआईआई से प्रधानमंत्री मोदी को फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट का निमंत्रण देने का अवसर मिलेगा। एफआईआई सेशन का आयोजन सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव से जुड़े विजन 2030 के तहत किया जा रहा है। विजन 2030 के तहत सऊदी अरब ने स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के लिए आठ देशों - भारत, चीन, ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जापान और दक्षिण कोरिया को चुना है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के फरवरी में भारत दौरे के दौरान दोनों देशों ने स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल स्थापित करने पर सहमति जताई थी। अधिकारियों ने बताया कि मोदी के दौरे के दौरान इससे जुड़े एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। पीएम मोदी की सऊदी अरब में रुपे कार्ड के लॉन्च के साथ दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की भी योजना है। गौरतलब है कि रुपे कार्ड सऊदी अरब में बड़ी संख्या में मौजूद भारतीय समुदाय के साथ ही हज पर जाने वाले यात्रियों के लिए भी उपयोगी होगा। अधिकारियों ने बताया कि भारत के ई-माइग्रेट और सऊदी अरब के पोर्टल के बीच माइग्रेशन की शुरुआत भी की जाएगी। इसके अलावा वह सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज और युवराज मोहम्मद बिन सलमान के साथ मंगलवार को द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। दोनों पक्ष तेल एवं गैस, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा नागर विमानन क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।  तीन दिवसीय 'फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम में सरकार, उद्योगपति और वित्त पोषक भाग लेंगे। बैठक में वैश्विक व्यापार और उसकी प्रवृत्ति पर चर्चा के साथ आने वाले दशकों में वैश्विक निवेश परिदृश्य को लेकर अवसर और चुनौतियों पर बातचीत की जाएगी।