2400 वोल्ट का झटका देकर 14 साल के लड़के को उतारा गया मौत के घाट
14 Jan 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
अपराध कैसा भी हो उसकी सज़ा निश्चित होती है. भले ही भारत में 14 साल के आरोपी को मौत की सज़ा देने का प्रावधान नहीं है, मगर अमेरिका से खबर है कि एक 14 साल के लड़के को मौत की सज़ा सुनाई गई और उसे 2400 वाल्ट का झटका देकर मौत के घात उतार दिया गया. यहां जिसकी बात की जा रही है, उसका नाम जॉर्ज-स्टिन्नी जूनियर है जो अफ्रीकी-अमेरिकी था और जब उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था तब उसकी उम्र महज 14 साल थी. उस दौरान अमेरिका में 14 साल के लड़के को व्यस्क की तरह देखा जाता था. क्योंकि जॉर्ज-स्टिन्नी जूनियर अश्वेत था इसीलिए उसे साथ दोयम दर्जे का व्यवहार भी किया गया. जॉर्ज स्टैनी जूनियर दक्षिण कैरोलिना के अलकोलू शहर में रहता था, जहां रेल की पटरियों से गोरों और अश्वेतों को अलग किया जाता था. 23 मार्च 1944 जॉर्ज अपनी बहन कैथरीन के अपने घर के बाहर खेल रहा था. कहा जाता हैं कि उसी दौरान वहां से दो श्वेत लड़किया जो बहने थी 11 वर्षीय बैटी जून बिनिकर और 7 वर्षीय मेरी एमा थॉमस किसी फूलो को ढूंढते हुए आईं. इस दौरान उन्होंने जॉर्ज और उनकी बहन कैथरीन से मेयोपॉप जिसे स्थानिय भाषा में फूल कहते हैं उनके बारे में पूछा. कहा जाता है कि इसके बाद जॉर्ज उन दोनों बहनों की मदद करने चला गया और बाद में घर लौट आया. लेकिन वो दोनों श्वेत लड़किया अपने घर नहीं पहुंची. जून बिनिकर और मेरी एमा थॉमस के लापता होने के बाद उनके पिता ने अपनी दोनों बेटियों को खोजने के लिए सैकड़ों अल्कोलू निवासियों की मदद ली. पूरा शहर इन दोनों लड़कियों को खोजने में लग गया. अगले दिन दोपहर को उन दोनों लड़कियों की लाश रेलवे ट्रैक के पास कीचड़ में मिली. दोनों लड़कियों का मेडिकल परीक्षण हुआ जिसमें दोनों के सिर पर गहरी चोट लगने को उनकी मौत का कारण बताया गया. दोनों लड़कियों की लाश मिलने के बाद पुलिस ने शत के आधार पर जॉर्ज को हिरासत में लिया क्योंकि उन्हें ही आखिरी बार इन दोनों लड़कियों के साथ देखा गया था. बाद में पुलिस ने जो थ्योरी बताई उसके अनुसार, जॉर्ज ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था. पुलिस के बयान के मुताबिक जॉर्ज ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा था कि उन्होंने ही उन दोनों बहनों को मारा था. क्योंकि वो 11 वर्षीय बैटी जून बिनिकर के साथ संबंध बनाना चाहता था. हालांकि जब उसे लगा मेरी एमा थॉमस के रहते यह संभव नहीं है तो उसने उसकी जान लेने की कोशिश की.