पाकिस्तान में इमरान खान हिंदी फिल्में देखने ही नहीं देते

 20 Jan 2020  860

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
पाकिस्तान में बॉलीवुड की फिल्मों के प्रदर्शन पर जब से प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रतिबंध लगाया है तब से बॉलीवुड की फिल्में पसंद करनेवाले दर्शकों में उदासीनता बढ़ गई है, जबकि इमरान खान ने पाकिस्तानी फिल्मों के दर्शकों के लिए टिकट की कीमत में 50 फीसदी तक की कटौती कर दी है. बावजूद इसके पाकिस्तानी दर्शक बॉलीवुड की हिंदी देखने के लिए लालायित हैं. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद वैश्विक मंचों पर हार की खुन्नस पाकिस्तान ने बॉलीवुड फिल्मों पर निकाली थी. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने अपने देश में बॉलीवुड फिल्मों पर पूरी तरह प्रतिबंंध लगा दिया था. यहां तक कि इमरान सरकार ने पाकिस्तान की फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए टिकटों में 50 फ़ीसदी का छूट देना शुरू किया था. हालांकि पाकिस्तानी लोग बॉलीवुड की फिल्मों के लिए तड़प रहे हैं. पाकिस्तानी दर्शकों में भारतीय सिनेमा की मांग बढ़ रही है. पाकिस्तान में हिंदी सिनेमा की दीवानगी हमेशा से रही है. जब से इमरान सरकार ने हिंदी फिल्मों पर बैन लगाया है तब से पाकिस्तान का सिनेमा बाजार मुश्किलों का सामना कर रहा है. पाकिस्तान के विज्ञान और प्रोद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने हाल ही में नेटफ्लिक्स और अमेजन से फिल्मों में पैसा लगाने की अपील की थी. लेकिन पाकिस्तान के दर्शक हिंदी फिल्मों पर बैन के बाद भी पायरेटेड डीवीडी से बॉलीवुड फिल्में चोरी छिपे देख रहे हैं. पायरेटेड डीवीडी में बॉलीवुड फिल्में देखने के बाद पाकिस्तानियों को अपने देश की कोई फिल्म पसंद नहीं आ रही है. यहां तक कि पाकिस्तानी देशभक्ति वाली फिल्में भी देखने थियेटर तक नहीं जा रहे हैं. 'काफ कंगना' जैसी बेहद ही राष्ट्रवादी फिल्म ने पाकिस्तान के बॉक्स ऑफिस पर पानी तक नहीं मांगा. बता दें कि काफ कंगना फिल्म में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने पैसा लगाया था. पाकिस्तानी फिल्मों की ये हालत देख डिस्ट्रीब्यूटर्स ने इमरान सरकार से हिंदी फिल्मों पर बैन हटाने की बात कही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, डिस्ट्रीब्यूटर्स ने अंग्रेजी फिल्में भी लगाईं लेकिन दर्शकों के बीच सबसे ज्यादा डिमांड बॉलीवुड की ही है. डिस्ट्रीब्यूटर्स ने कहा है कि इमरान सरकार जल्द से जल्द हिंदी फिल्मों पर से बैन हटा ले.