कभी ट्रंप के पास भी था अपना ताज महल, बाद में बेचना पड़ा
23 Feb 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
ताज की खूबसूरती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना ताजमहल बनवाया था, मगर आर्थिक संकट की वजह से उसे बेच देना पड़ा था. गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा खासकर आगरा दौरा चर्चा में है। बहुत कम लोगों को पता है कि ट्रंप आगरा के ताज महल से बेहद प्रभावित हैं। तभी तो उन्होंने भी अमेरिका के न्यूजर्सी में ताज महल नाम से बड़ी बिल्डिंग खड़ी की थी। जिसमें वर्षों तक ट्रंप का कमर्शियल कसीनों संचालित हुआ। हालांकि आर्थिक परेशानी के चलते ट्रंप को अपना ताजमहल बेचना पड़ा था। अमेरिका के न्यूजर्सी के अंटलांटिक सिंटी में हार्ड रॉक होटल एंड कैसिनो सिटी नाम का एक कसीनो और होटल था। इसे ट्रंप ने बड़े अरमानों के साथ बनवाया था। साथ ही ताजमहल नाम दिया था। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप शाहजहां की तरह खुशकिस्मत साबित नहीं हुए और आर्थिक तंगी के कारण उन्हें जीते जी अपना ताजमहल बेचना पड़ा। ये कसीनो अमेरिका के सबसे मशहूर कसीनो में शुमार था। जिसे 100 करोड़ डॉलर की लागत से साल 1990 में तैयार करवाया गया था। जाहिर है जब ट्रंप वास्तविक ताज महल का दीदार करेंगे तो उन्हें अपने बनाए ताज महल की याद जरूर सताएगी। डोनाल्ड ट्रंप पूरे परिवार के साथ सात अजूबों में शुमार ताजमहल का दीदार करने 24 फरवरी को आगरा पहुंचेंगे। ट्रंप के साथ अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप, बेटी इवांका ट्रंप और दामाद जेरेड कुशनर के अलावा शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों समेत उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा। हालांकि भारतीय प्रधानमंत्री आगरा दौरे में शामिल नहीं रहेंगे। बता दें कि ताज महल का दीदार करने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप के पास भी अपना एक ताज महल था। ये जगजाहिर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिग्गज बिजनेसमैन भी हैं। जिन्हें अकूत संपत्ति अपने पिता से मिली। 2अप्रैल, 1990 को डोनाल्ड ट्रंप का ताज महल कसीनो बनकर तैयार हुआ था। तब इसे दुनिया के सबसे बड़े कसीनों की मान्यता मिली थी। खुद डोनाल्ड ट्रंप ने ही इस कसीनों का उद्घाटन किया था। 24 सालों तक ट्रंप की कंपनी ने इस कसीनो से खूब कमाई की। फिर 2014 में वित्तीय घाटों के चलते इसे बेचने का फैसला लिया गया। आखिरकार ट्रंप का ताजमहल कसीनो 2016 में बंद हो गया। फिर मार्च 2017 को सेमिनोल ट्राइब ऑफ फ्लोरिडा ने हार्ड रॉक इंटरनेशनल ब्रांड नाम देकर इसे फिर से शुरू किया।