कोरोना की चुप्पी पर चीन के खिलाफ इंटरनेशनल चार्जशीट तैयार
03 May 2020
837
संवाददाता/in 24 न्यूज़.
चीन के वुहान से कोरोना वायरस निकलकर दुनिया के अनेक हिस्सों में देखते ही देखते महामारी के रूप में फ़ैल गया. बावजूद उसकी चुप्पी बनी रही. दरअसल एक जांच रिपोर्ट में चीन की घिनौनी साजिश और उसकी जानलेवा लापरवाहियों का खुलासा हुआ है। ख़बरों के मुताबिक,15 पन्नों के इस अंतरराष्ट्रीय डोजियर को अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा समेत शक्तिशाली देशों के जांच संगठन फाइव आईज ने तैयार किया है। बता दें कि चीन और कोरोना वायरस के कनेक्शन से जुड़े सभी अनसुलझे सवालों का जवाब आखिरकार मिल गया है।अब चीन के खिलाफ इंटरनेशनल चार्जशीट तैयार हो गई है। अंतराष्ट्रीय स्तर की ये उच्च स्तरीय जांच करने वाले संगठन का नाम फाइव आईज है। यानी वो पांच आंखें जिनसे धरती पर होने वाली कोई भी गतिविधि ज्यादा दिनों तक छिप नहीं सकती। इसी संगठन ने कोरोना संक्रमण को लेकर चीन की साजिश और लापरवाहियों की लंबी फेहरिस्त बनाते हुए 15 पन्नों का डोज़ियर तैयार किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक चीन का कोरोना वायरस को लेकर गोपनीयता बरतना अंतरराष्ट्रीय पारदर्शिता पर हमले से कम नहीं था। डोजियर में साफ-साफ लिखा गया है कि चीन ने पहले तो कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर सही तथ्य दुनिया से छिपाए। फिर उन लोगों पर भी दबाव बनाकर उन्हें चुप करा दिया या गायब कर दिया जिन्होंने कोरोना पर कुछ भी बोलने की कोशिश की। रिपोर्ट में चीन पर खुलासा किया गया है कि उसने जानबूझकर कोरोना वायरस के जुड़ी रिसर्च और सैंपल्स को अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के सामने लाने में देरी की। फाइव आईज संगठन की रिपोर्ट पूरी दुनिया में हो रही कोरोना वायरस से मौत के लिए चीन को जिम्मेदार मानती है। मानवता के खिलाफ चीन की भयंकर लापरवाही की पोल खोलती ये रिपोर्ट ऑस्ट्रेलिया मीडिया में लीक हो गई है जिसके बाद से चीन के खिलाफ लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा है। चीन दुनिया के सामने दावा करता रहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से उसके नागरिकों की भी मौत हुई। उसकी भी अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा लेकिन फाइव आईज संगठन की जांच रिपोर्ट चीन के इस दावे के खिलाफ कई सवाल भी खड़े करती है। जांच के दौरान फाइव आईज की जांच टीम को ऐसे सबूत मिले कि चीन ने एक-दो नहीं बल्कि कई मौकों पर कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी दुनिया से छिपाई। वो दुनिया को एडवाइजरी जारी कर कहता रहा कि लोगों की यात्राओं पर प्रतिबंध ना लगाए जबकि उसकी स्वयं की जनता अपने देश में लॉकडाउन में रहते हुए संक्रमण से बची रही। फाइव आईज संगठन की जांच रिपोर्ट में लिखा गया है कि चीन की सोशल मीडिया में कोरोना वायरस के बारे में 31 दिसंबर 2019 को लेख आने शुरू हो गये थे लेकिन उसने इस पर सेंसरशिप लगा दी और खासतौर से ऐसे तमाम आर्टिकल्स को मिटा दिया जिनमें एसएआरएस वेरिएशन, वुहान सी-फूड मार्केट और वुहान अज्ञात निमोनिया जैसे शब्दों का जिक्र था। इसके 3 दिन बाद यानी 3 जनवरी 2020 को, चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कोरोना वायरस के सभी सैंपल्स को खास जगह पर शिफ्ट करने के बाद नष्ट करने का आदेश दे दिया।