भारत और चीन मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए ट्रंप से नहीं हुई बात
29 May 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच जिस तरह से चीन ने भारीय सीमा पर अपने सैनिकों को तैयार रहने को कहा उससे लगा कि भारत और चीन के बीच सबकुछ अच्छा नहीं है. गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से बात की. लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच वर्तमान में कोई बातचीत नहीं हुई है. रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि उनके बीच आखिरी बातचीत 4 अप्रैल, 2020 को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के विषय पर हुई थी. गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर दिया था कि हम स्थापित तंत्रों और कूटनीतिक संपर्कों के माध्यम से सीधे चीन के संपर्क में हैं. गुरुवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा था कि भारत और चीन में बड़ा संघर्ष चल रहा है. 1.4 बिलियन आबादी वाले दोनों देशों के बीच शक्तिशाली सेना है. भारत खुश नहीं है और शायद चीन भी खुश नहीं है. उन्होंने कहा कि मैंने पीएम मोदी से बात की, वह चीन के साथ चल रहे विवाद से अच्छे मूड में नहीं हैं. ट्रंप की पेशकश पर सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हम इस मुद्दे को शांति से हल करने के लिए चीनी पक्ष के साथ लगे हुए हैं. हालांकि उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में ट्रंप के ट्वीट का उल्लेख नहीं किया. ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट किया था कि हमने भारत और चीन दोनों को सूचित किया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका मध्यस्थता करने में सक्षम है.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमेरिकी राष्ट्रपति के ट्वीट पर बोलने से परहेज किया, लेकिन किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार नहीं किया. ट्रंप ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि वह दोनों देशों के बीच वह मध्यस्थता करने में सक्षम हैं. अपने ट्वीट पर एक सवाल का जवाब देते हुए ट्रंप ने अपनी पेशकश दोहराते हुए कहा, अगर मदद के लिए कहा जाता है, तो मैं ऐसा (मध्यस्थता) करूंगा. अगर उन्हें लगा कि मध्यस्थता करने में मदद मिलेगी, तो मैं ऐसा करूंगा. हालांकि भारत और चीन ने कहा है कि वह अपने विवाद को बीतचीत के माध्यम से सुलझा लेंगे. इससे पहले बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने बुधवार को कहा था कि चीन और भारत दोनों के पास बातचीत और परामर्श के माध्यम से मुद्दों को हल करने के लिए उचित तंत्र और संचार चैनल हैं. पहले भी अमेरिकी राष्ट्र्पति ट्रंप कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं, जिसे नई दिल्ली ने अस्वीकार कर दिया था.