भारत की आर्थिक मदद करना चाहते थे इमरान, अपनी रिपोर्ट देख हुए खामोश
13 Jun 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जो चाहते हैं वो कई बार कर नहीं पाते। भारत को लेकर ऐसी-ऐसी बातें करते रहते हैं, जिससे पढ़े-लिखे पाकिस्तानियों का ही बड़ा तबका हैरत में पड़ जाता है। इस बार तो उन्होंने हद ही कर दी। उन्होंने कहा कि भारत में बहुत गरीबी है, इसलिए वो मदद करना चाहते हैं। इस दौरान उन्हें अपने देश की आर्थिक हालातों का अंदाजा नहीं रहा है। पीएम इमरान खान के ट्वीट के कुछ ही देर बाद वित्त और राजस्व मामलों के सलाहकार डॉ. अब्दुल हफीज शेख ने आर्थिक सर्वे जारी किया। आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि पाकिस्तान का ऋण जीडीपी के 88 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा और 68 वर्षों के इतिहास में पहली बार अर्थव्यवस्था में 0.4 प्रतिशत तक की कमी आएगी। सूत्रों के अनुसार यह आर्थिक सर्वे तो फिर भी पाकिस्तान के लिए एक आशावादी तस्वीर बनाता है। आईएमएफ और विश्व बैंक ने जो अनुमान लगाया है वह पाकिस्तान के लिए चिंता की बात है। दोनों ने अनुमान लगाया है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में 2.6 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की जाएगी। हालांकि सोशल मीडिया में सक्रिय रहने वाले इमरान खान ने अपनी सरकार के आर्थिक सर्वे के बार में एक ट्वीट तक नहीं किया। इमरान भारत को मदद का यह ऑफर ऐसे समय पर दे रहे हैं जब खुद उनके देश में कोरोना वायरस से हालात बेकाबू हो गया है। पाकिस्तान के बारे में जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि इमरान खान अपने विरोधियों, वहां की सेना और कश्मीर के साथ-साथ आर्थिक हालात पर घिरते जा रहे हैं। सिर्फ दो साल में सरकार और सरकार के बाहर इमरान खान की पकड़ कमजोर होती जा रही है। इसमें सेना भी शामिल है, जो कि पाकिस्तान की सबसे शक्तिशाली संस्था है। जिसके समर्थन से इमरान खान को गठबंधन में सहयोगियों के समर्थन जुटाने में मदद मिली थी। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ इमरान खान सरकार पर पाकिस्तानी सेना की पकड़ मजबूत हो गई है। हाल के दिनों में दर्जन भर से अधिक महत्वपूर्ण पदों पर सेना के रिटायर्ड और वर्तमान ऑफिसर को बिठाया गया है। यह इस बात के संकेत देते हैं कि इमरान खान सरकार और वहीं की सेना एक साथ नहीं हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा मदद की पेशकश का जवाब देते हुए भारत ने कहा उनका देश खुद ही भारी कर्ज में डूबा हुआ है जो उनके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 90 प्रतिशत है। दरअसल, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के साथ ही भयंकर कर्ज से जूझ रहे पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भारत को मदद का प्रस्ताव दिया था। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए इमरान ने दावा किया था कि भारत में 34 फीसद घर ऐसे है जिन्हें अगर कोई मदद नहीं मिली, तो वे एक हफ्ते से ज्यादा अपना गुजर-बसर नहीं कर पाएंगे।