भारत के नक्शे से लद्दाख और पीओके को गूगल ने किया गायब

 14 Jun 2020  755
संवाददाता/in24 न्यूज़. 

आज गूगल एक ऐसा नाम है जिसपर भरोसा किया जाता है, मगर इसी गूगल ने जिस तरह भारत के नक्शे से पूरा लद्दाख और पीओके को गायब किया है उससे अचरज होना स्वाभाविक है. बता दें कि गूगल ट्रेंड्स में जो भारत का नक्शा दिखाया जा रहा है, उसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ ही लद्दाख का पूरा का पूरा हिस्सा ही गायब है। जिसे गंभीर मामला बताया जाता है। गूगल की पैठ विश्व के लगभग तमाम देशों में है। लिहाजा इस तरह के आधिकारिक नक्शा के जारी होने से दुनिया में गलत संदेश जाने का खतरा है। हालांकि गूगल के खिलाफ भारत सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। हाल ही में भारत सरकार ने लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश की मान्यता प्रदान की है। जिससे चीन बुरी तरह बौखलाया हुआ है। सर्वे ऑफ इंडिया के नए नक्शे में लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश में गिलगित-बाल्टिस्तान और अक्साई चिन को भी दिखाया गया है। जिससे चीन के पेट में दर्द शुरू हो गया है। भारत ने 6 मई से शुरू होने वाले अपने दैनिक मौसम पूर्वानुमान में गिलगित बाल्टिस्तान को भी शामिल किया। संसद में फरवरी में 1994 के प्रस्ताव के मुताबिक पाक अधिकृत कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान और अक्साई चिन को देश का हिस्सा बताने और मिलाने के प्रस्ताव पर चीन की भौहें टेढी हैं। फिलहाल लद्दाख से करीब 60 किलोमीटर दूर गालवान घाटी में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर तनातनी जारी है। हालांकि इस बारे में भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की बातचीत जारी है। इस बीच अमेरिकी रिपोर्ट और खुद चीन से आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अगर भारत चीन के बीच जंग छिड़़ती है तो भारत अपने पड़ोसी पर भारी पड़ सकता है। मई महीने में भारत और चीन के सैनिकों के बीच कुछ झड़पों की रिपोर्टें आई हैं। चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने दो ब्रिगेड के 6,000 सैनिकों को पूर्वी लद्दाख के चार, गलवान घाटी के तीन और पंगोंग लेक के एक स्थान के पास उतार दिया है। भारत ने भी इसके जवाब में अधित ऊंचाई वाले जगहों पर अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी। चीन को भारत के गलवान घाटी इलाके में निर्माण पर आपत्ति है। दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच गतिरोध को लेकर अमेरिका भी चिंतित है। बताया जाता है कि पिछला विवाद महज डोकलाम तक ही सीमित था। जबकि फिलहाल चीन विभिन्न हिस्सों पर अपनी गतिविधियां तेज किए हुए है। टकराव के हालात को देखते हुए अमेरिका ने भी मध्यस्थता की पेशकश की है। भारत में देसी ब्रांडिंग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील से भी चीन परेशान है। इससे पहले भारत को चीन बड़े बाजार के तौर पर देखता था। जबकि कोरोना के मद्देनजर चीन का दुनियाभर में बॉयकाट किया जा रहा है। कंपनियां भारत की तरफ रुख कर रही हैं। चीन के हाथ से वैश्विक बाजार फिसलता जा रहा है। लिहाजा वो भारत को डराने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहा है।