चीन के ख़तरे से एशिया में अपने सैनिकों की तैनाती करने जा रहा है अमेरिका

 26 Jun 2020  605

संवाददाता/in24 न्यूज़.
चीन की धोखेबाज़ी और खतरे को देखते हुए अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की भारत के साथ घातक टकराव का हवाला देते हुए कहा है कि वाशिंगटन यूरोप से अपनी सेना कम करके दक्षिण पूर्व एशिया में भेज रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका जर्मनी में तैनात अपने 34500 सैनिकों में से 9500 को एशिया में तैनात करेगा. अमेरिका ने यह कदम तब उठाया है जब भारत और चीन के बीच सीमा पर टकराव के साथ-साथ वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया और साऊथ चीन सी में तनाव बढ़ता जा रहा है. पोम्पियो ने कहा चीन का विस्तारवाद हमारे समय की चुनौती है और अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि हमारे संसाधन इससे निपटने के लिए उचित स्थान पर हों. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने दुनिया भर में अपने बल प्लेसमेंट की एक रणनीतिक समीक्षा शुरू की है. अपनी बातचीत के दौरान, उन्होंने चीन से बार-बार होने वाले खतरों पर जोर दिया. अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ ने जर्मन मार्शल फंड के वर्चुअल ब्रसेल्स फोरम 2020 में एक सवाल के जवाब में ये सारी बातें कही. पोम्पियो ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर सैनिकों की तैनाती की समीक्षा की जा रही है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन कम्युनिस्ट पार्टी को खतरा बताया है. पोम्पिओ ने कहा कि मैंने अभी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से खतरे की बात कही है, इसलिए अब भारत, वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया को खतरा और दक्षिण चीन सागर की चुनौतियां हैं. अमेरिका ने इन खतरों को देखा है और समझा है कि साइबर, इंटेलिजेंस और मिलिट्री जैसे संसाधनों को कैसे बांटा जाए.