अमेरिका में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर भी गिर सकती है गाज
07 Jul 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
कोरोना वायरस की महामारी ने अमेरिका को इस कदर परेशान कर दिया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी खीज बाहरी लोगों पर उतार रहे हैं. इससे वहां पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों पर भी गाज गिरने का संभावना बढ़ गई है. अमेरिकी में राष्ट्रपति ट्रंप की नई इमिग्रेशन पॉलिसी के कारण वहां पढाई कर रहे कई भारतीय और अन्य विदेशी छात्र मुश्किल में पड़ सकते हैं. नए आदेश में कहा गया है कि जिन छात्रों की कोरोना वायरस महामारी के कारण ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं, उन्हें देश छोड़ना होगा या किसी अन्य कॉलेज में स्थानांतरित करना होगा. हालांकि यह आदेश केवल ऑनलाइन पढाई कर रहे छात्रों पर लागू होगा. यूएस इमीग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट द्वारा छह जुलाई के बयान में कहा गया है ऑनलाइन कक्षाओं के कारण वहां रहने का विदेशी छात्रों के पास कोई ठोस कारण नहीं है. दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय छात्र कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि वे अभी भी नई जानकारी का विश्लेषण कर रहे हैं और वह ऐसे छात्रों को उनके देश भेजने की तैयारी में हैं. होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की एक रिपोर्ट की माने तो वर्तमान में 11 लाख से अधिक विदेशी छात्रों के पास अमेरिका में एक्टिव स्टूडेंट वीजा है. आईसीई के अनुसार एफ-1 के छात्र अकेडमिक कोर्स वर्क में शामिल होते हैं, जबकि एम-1 स्टूडेंट वोकेशनल कोर्सवर्क करते हैं. एफ-1 वीजा अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दिया जाता है जो एक यूएस कॉलेज या विश्वविद्यालय में शैक्षणिक कार्यक्रम या अंग्रेजी भाषा कार्यक्रम में भाग लेते हैं. ये छात्र अपने शैक्षणिक कार्यक्रम को पूरा करने में लगने वाले समय से 60 दिन पहले तक अमेरिका में रह सकते हैं. बहरहाल अमेरिका की इस योजना ने विद्यार्थियों को चिंतित कर दिया है.