अमेरिका में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के खिलाफ ट्रंप ने वापस लिया फैसला
15 Jul 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
अमेरिका में रहकर पढ़ाई करनेवाले विद्यार्थियों पर जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाबंदी लगाने की बात की थी, अब उस नियम को रद्द किया जा रहा है. ग़ौरतलब है कि अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने अपने छह जुलाई के नियम को रद्द करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें विदेशी छात्रों के अमेरिका में अस्थायी रूप से रुकने पर रोक लगा दी थी. ट्रंप प्रशासन ने कहा था कि अमेरिका में जो छात्र ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं, उनके पास वहां रुकने का कोई कारण नहीं है और उन्हें अपने देश वापस चले जाना चाहिए. ट्रंप प्रशासन द्वारा यह यू-टर्न छह जुलाई के आदेश के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी आक्रोश के बाद सामने आया है. 17 अमेरिकी राज्यों और कोलंबिया के साथ-साथ गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसी शीर्ष अमेरिकी आईटी कंपनियों ने इसका विरोध किया था. ट्रंप प्रशासन के इस आदेश के खिलाफ मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी अदालत चले गए थे. मैसाचुसेट्स के डिस्ट्रिक्ट जज एलिसन बरो ने कहा कि अब सभी पक्षों में समझौता हो गया है. इससे पहले अमेरिका के प्रवासी और कस्टम निदेशालय ने कहा था कि नियम न मानने पर छात्रों को जबरन वापस उनके देश भेजा जायगा. ट्रंप प्रशासन के यूटर्न की घोषणा अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक बड़ी राहत है, जिसमें भारत के छात्र भी शामिल हैं. 2018-2019 शैक्षणिक वर्ष में अमेरिका में दस लाख से अधिक विदेशी छात्र थे. स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम की हालिया रिपोर्ट के अनुसार जनवरी में अमेरिका के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में 1,94,556 भारतीय छात्रों का नामांकन हुआ था. अपने आदेश में ट्रंप ने व्हाइट हाउस में रोज गार्डन प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा कि हम बहुत जल्द एक आव्रजन अधिनियम पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं. यह योग्यता पर आधारित होने जा रहा है, यह बहुत मजबूत होने वाला है. कांग्रेसी ब्रैड स्नीइडर ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय छात्रों, कॉलेजों और सामान्य ज्ञान के लिए एक बड़ी जीत है. अमेरिका में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले के कारण ट्रंप प्रशासन ने यह आदेश दिया था. जाहिर है अप्रवासी अमेरिकी विद्यार्थियों के लिए यह फैसला राहत के साथ स्वागतयोग्य है.