भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान में सैन्य गठजोड़
13 Aug 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
चीन और पकिस्तान ने मिलकर भारत के खिलाफ खिचड़ी पकानी शुरू कर दी है. पता चला है कि भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान में सैन्य गठजोड़ किया गया है. चीनी नौसेना ने अपने युद्धपोत कराची में तैनात कर दिए हैं। उनकी सुरक्षा में पाकिस्तानी नौसेना ने अपनी एक पनडुब्बी को लगाई है। पहले दुनिया को झुठलाने के लिए कहा गया था कि चीनी युद्धपोतों के साथ उनकी पनडुब्बी भी आई है, लेकिन अब सेटेलाइट की तस्वीरों ने एक बार फिर पाकिस्तान को बेनकाब किया है कि चीनी युद्धपोतों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान ने अपनी अटैक पनडुब्बी को तैनात किया था। इससे यह भी साफ है कि चीन या पाकिस्तान अकेले अपने दम पर भारत से लड़ने में सक्षम नहीं है, शायद इसीलिए भारत के खिलाफ गठजोड़ करने में जुटे हैं लेकिन भारत पहले ही साफ कर चुका है कि वह टू-फ्रंट वॉर यानि दोनों मोर्चों पर लड़ने के लिए तैयार है। सुरक्षा एजेंसियों ने भी सेना और सरकार को चीन और पाकिस्तान के इस सैन्य-गठजोड़ के बारे में आगाह किया है। पाकिस्तानी नौसेना ने हाल में ही अपनी एक पनडुब्बी को चीनी नौसेना के युद्धपोतों के बीच कराची में तैनात किया था। हाल में ही ली गई सेटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीनी युद्धपोतों की रक्षा के लिए पाकिस्तान ने अपनी अगोस्टा-19 बी टाइप की डीजल इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी को तैनात किया था। फ्रांसीसी मूल की इस पनडुब्बी से परमाणु मिसाइल बाबर-3 को लॉन्च किया जा सकता है। पाकिस्तान और चीनी नौसेनाओं के इस गठजोड़ से भारत की चिंताएं बढ़ना स्वाभाविक है। हालांकि पहले दावा किया गया था कि चीन के युद्धपोतों के साथ उसकी पनडुब्बी भी पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पहुंची हैं लेकिन अब सेटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीनी युद्धपोतों की रक्षा के लिए पाकिस्तान ने अपनी अटैक पनडुब्बी को तैनात किया था। दरअसल अगोस्टा-19 बी टाइप की डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी का संचालन एशिया में केवल पाकिस्तान और मलेशिया ही करते हैं। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ हाल ही में पाकिस्तानी सेना के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीजिंग का दौरा किया था। इस दौरान चीन ने पाकिस्तान को कॉम्बेट ड्रोन और लॉन्ग रेंज मिसाइल डिफेंस सिस्टम देने का वादा किया है। यह इस टीम की दूसरी चीन यात्रा थी। इससे पहले दिसम्बर 2019 में भी पाकिस्तान की टीम यूसीएवी ड्रोन्स की पहले खेप के लिए चीन गई थी। खुफिया रिपोर्ट में इस बात का भी ख़ुलासा हुआ है कि हाल ही में पाकिस्तान ने अपनी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी को बीजिंग स्थित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के हेडक्वार्टर में तैनात किया है, ताकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच संपर्क और सहयोग बढ़ाया जा सके। ऐसा बहुत कम होता है कि किसी एक देश के सैन्य अधिकारी की तैनाती दूसरे देश के सेना मुख्यालय में की जाए, लेकिन ऐसा किये जाने का साफ संदेश है कि पाकिस्तान सेना का चीनी सेना और वायु सेना के बीच सहयोग अब एकीकरण में बदल गया है ताकि पाक-चीन के सैन्य गठजोड़ को और मजबूती दी जा सके। जाहिर है इस रिपोर्ट के बाद भारत अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी रणनीति पर विशेष जोर देगा.