दोमुंहे सांप पर भारी पड़े कुत्ते-बिल्ली

 24 Oct 2020  688

संवाददाता/in24 न्यूज़.
इंसान का सांप देखकर डरना स्वाभाविक है. मगर जानवरों को सांप जैसे खतरनाक जानवर से भी डर नहीं लगा. बल्कि कई बार तो सांप खुद ही इन जानवरों से डरकर भाग जाता है. ऐसा ही एक मामला अमेरिका के फ्लोरिडा से सामने आया है. जहां घर के बाहर सड़क पर घूम रहे एक सांप को बिल्ली ने पकड़ा और उसे लेकर अपने मालिक के घर पहुंच गई. उसके बाद जो हुआ वो बेहद ही खतरनाक और हैरान कर देना वाला था. दरअसल, बिल्ली सांप को लेकर घर में लेकर और कमरे में पड़ी कालीन पर उसे रख दिया. जब घर की मालकिन ने सांप को कालीन पर रेंगते देखा तो उसकी चीख निकल गई. क्योंकि ये कोई आम सांप नहीं बल्कि दो मुंह वाला सांप था. रोजर्स नाम की महिला ने डब्ल्यूएफटीएस टाम्पा बे से बातचीत के दौरान कहा कि इस दिन, मेरे बेटी ने मुझे एक मैसेज भेजा कि मां वो एक सांप उठा लाई है, जिसके दो मुंह हैं. मुझे लगता था कि यह बिल्ली सामान्य हैं, लेकिन यह सच में, साहसी बिल्ली निकली. इस बिल्ली का नाम ओलिव है. और उसने अपने मालिक के पाम हार्बर होम के अंदर सांप को खींचने के लिए कुत्ते के दरवाजे का इस्तेमाल किया और इसे गर्व से लिविंग रूम के कालीन पर रखा. के रॉजर्स की बेटी ने जब उसे कालीन पर रेंगते हुए गौर से देखा तो उसको सांप के दो मुंह नजर आए. उसने सांप का नाम डॉस रखा है. के रोजर्स ने क्लिक ऑरलैंडो ने बताया कि जैसे ही मेरी बेटी ने इस बात की जानकारी दी, तो मुझे लगा वो मजाक कर रही है. जब मैंने उसे देखा तो मैं चकित रह गई. मैंने ऐसा कभी नहीं देखा था. गौरतलब है कि फ्लोरिडा मछली और वन्यजीव संरक्षण आयोग ने सांप की पहचान एक दक्षिणी काले रेसर के रूप में है. साथ ही इस सांप की कुछ तस्वीरें भी फेसबुक पर शेयर की हैं. उन्होंने लिखा कि इस तरह की घटना को बाइसफाइली कहा जाता है, जो असामान्य है. यह भ्रूण के विकास के समय होता है. जब दो मोनोज़ायगोटिक जुड़वाएं अलग होने में विफल हो जाते हैं, तो शरीर में दो सिर हो जाते हैं. आयोग के मुताबिक़ दो सिर वाले सांपों का जंगल में रहना काफी मुश्किल होता है. क्योंकि दो दिमाग अलग-अलग निर्णय लेते हैं जो शिकारियों को खिलाने या भागने की क्षमता को बाधित करते हैं. रोजर्स ने बताया कि सांप असंबद्ध था, दोनों सिर अलग-अलग दिशाओं में खींच रहे थे. उन्होंने बताया कि दो सिर होने के कारण, वो कॉर्डिनेटिड नहीं थे. खाने को भी अच्छे से नहीं खा पा रहे थे. जैसे ही उनके सामने खाना रखा तो एक सिर खाने की तरफ बढ़ रहा था तो दूसरा सिर उसको दूर खींच रहा था. बहरहाल, ये सच है कि आज भी इंसान के अंदर सांप का डर बरकरार है.