ब्रिटिश पहुंचा भारतीय किसानों का मामला
06 Dec 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
भारत के अन्नदाता अपनी मांगों को लेकर और कृषि बिलों के विरोध को लेकर आंदोलन की राह पर लगातार डटे हुए हैं. अब भारतीय किसानो का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है. 36 ब्रिटिश सांसदों ने ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक रैब को पत्र लिखकर भारत में चल रहे किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है. पत्र लिखने वालों में ज्यादातर लेबर पार्टी के सांसद हैं. इन सांसदों ने पंजाब में बिगड़ती स्थिति और केंद्र के साथ किसानों के संबंधों पर चर्चा करने के लिए एक जरूरी बैठक बुलाने के लिए कहा है. सांसदों ने कहा कि विरोध प्रदर्शन ब्रिटेन में सिखों के लिए विशेष चिंता का विषय हैं क्योंकि उनमें से कई के घर पंजाब में हैं, जो उनकी पैतृक भूमि हैं. पत्र में सिख काउंसिल यूके के सर्वेक्षण का हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया है कि समुदाय के 84 फीसदी लोग कानूनों के प्रभाव के बारे में व्यक्तिगत रूप से चिंतित हैं और 93 फीसदी को लगता है कि इससे मानवाधिकारों के उल्लंघन में वृद्धि होगी.सांसदों ने इस मामले पर भारत सरकार के साथ विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय के संचार जानकारी मांगी है. इस जानकारी ने भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला के साथ चर्चा शामिल है, जिन्होंने 4 नवंबर को यूके का दौरा किया था. हस्ताक्षरकर्ताओं में सिख लेबर सांसद तान ढेसी, पंजाबी मूल के लेबर सांसद वीरेंद्र शर्मा, सीमा मल्होत्रा और नादिया व्हिटोम, पूर्व लेबर लीडर जेरेमी कॉर्बिन, भारतीय मूल के लेबर सांसद वैलेरी वाज़ और लिबरल डेमोक्रेट्स सांसद मुनीरा विल्सन शामिल हैं. वारविक के डिस्ट्रिक्ट कॉउंसलर मिनी मंगत ने मामले पर विदेश सचिव को एक अलग पत्र भी लिखा है.इस पत्र में कहा गया है कि कानून को लेकर गंभीर चिंताएं हैं. केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 10 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे पहले कनाडाई प्रधानमंत्री ने मंगलवार को किसानों के विरोध के समर्थन में कहा था कि उनका देश हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के अधिकारों की रक्षा करेगा. ट्रूडो पहले विश्व नेता हैं, जिन्होंने विरोधों पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की है. भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किसान संगठनों के बीच आज मुद्दे को हल करने के लिए पांचवें चरण की वार्ता चल रही है. कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ आज होने वाली पांचवें दौर की वार्ता से पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पहुंचे. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहाकि जिन्हें ना खेती से मतलब है और ना किसानों से सरोकार, वो आज ज्ञान दे रहे हैं. कांग्रेस की समस्या यह है कि वह आज पूरी तरह से वेंटिलेटर पर है और उसके नेता और पप्पू जी की बेवकूफियां एक्सीलेटर पर चल रही हैं. बता दें कि किसानों का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है.