मुंबई उपनगर के अंतर्गत आने वाले कांदिवली पश्चिम में स्थित में एकता नगर इलाके में एक बड़ी घटना घटी है. जिसके अनुसार तीन लोगों के मौत हो गयी है. ये सभी मृतक बीएमसी के सफाई कर्मचारी बताये जा रहे हैं जो बीएमसी के सार्वजनिक शौचालय का सेप्टिक टैंक साफ़ करने के लिए उसमे उतरे थे लेकिन जहरीले गैस से उनका दम घुटने लगा जिसमे पहले वे मूर्छित हुए और फिर उनकी मौत हो गयी. कांदिवली पश्चिम के एकता नगर इलाके में इस दिल दहला देने वाली घटना को लेकर हड़कंप मचा हुआ है.
बताया जा रहा है कि महीने पहले ही बनकर ये शौचालय तैयार हुआ था जिसके उद्घाटन के बाद इसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया, लेकिन कई दिनों से इसकी सफाई नहीं हुई थी जिसकी शिकायत मिलने के बाद बीएमसी की तरफ से नियुक्त ठेकेदार के यहां काम करने वाले ये सफाईकर्मी यहां पहुंचे थे. इस दर्दनाक हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर स्थानीय पुलिस, बीएमसी और दमकल विभाग के कर्मचारी तत्काल पहुंच गए. जहां अग्निशमन विभाग के दमकलकर्मियों ने तीनों सफाई कर्मचारियों को टैंक से बाहर निकालकर, उनके शताब्दी अस्पताल पहुंचाया लेकिन इलाज से पहले ही अस्पताल के डॉक्टरों ने सभी तीनों को मृत घोषित कर दिया.
आपको बता दें कि यह सार्वजनिक शौचालय कांदिवली पश्चिम के स्लम इलाके में बना हुआ है. जिसका प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या लोग इस्तेमाल करते हैं. इसलिए इसकी साफसफाई निरंतर होती रहती है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक अभी 6 महीने पहले ही मनपा द्वारा इस शौचालय का निर्माण कराया गया था, लेकिन कुछ दिन पहले ही शौचालय की टंकी भर गयी थी, जिसके बाद से पूरा इलाका बदबू से सराबोर हो उठा, जिसकी वजह से लोगों का जीना दूभर सा हो गया. इस बात की शिकायत मिलने के बाद बीएमसी की तरफ से नियुक्त किये गए ठेकेदार की तरफ से 4 लोगों को टंकी साफ करने के लिए भेजा गया. 4 में से 3 सफाई कर्मी सेफ्टिक टैंक के अंदर गए, जबकि एक बाहर ही खड़ा रहा. जैसे ही ये कर्मचारी अंदर गए तीनों का दम घुटने लगा, और ये बाहर नहीं आ सके. जिसके बाद इनकी दम घुटने से मौत हो गयी। तो वहीं स्थानीय मनसे नेता दिनेश साल्वी ने इस बारे में चौकानें वाला बयान दिया है, उन्होंने कहा कि कुल चार कर्मचारी थे, जिसमें से तीन लोगों की बॉडी मिली है जबकि चौथा लापता है. दिनेश सालवी ने आगे कहा कि मनपा की तरफ से दत्तक योजना के तहत साफ सफाई का काम ठेकेदार को दिया गया है, लेकिन उस ठेकेदार का कोई अता पता नहीं है. साल्वी ने जांच की मांग करते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात कही.
वैसे आपको बता दें कि सेप्टिक टैंक में दम घुटने से हुई मौत का यह कोई पहला मामला नहीं हैं, इससे पहले भी महाराष्ट्र के पुणे शहर के अंतर्गत आने वाले कालभोर गाँव में 2 मार्च के दिन सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान चार लोगों की दम घुटने से मौत हो गई थी. इसके अलावा ठाणे के भिवंडी शहर में भी इसी साल 25 फरवरी के दिन एक सार्वजनिक शौचालय के सेप्टिक टैंक में विस्फोट हो गया था जिसमे 60 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि दो लोग घायल हो गए थे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि सेप्टिक टैंक की साफसफाई के दौरान होने वाली मौतों से अब तक मनपा और उसके द्वारा नियुक्त किये गए ठेकेदार कोई सबक क्यों नहीं लेते. क्या मुंबई महानगरपालिका के पास ऐसा कोई हथकंडा नहीं कि जिससे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, लेकिन दुर्भाग्य कि ऐसा हो न सका.