बिहार में आतंक की फैक्ट्री का भंडाफोड़, दो संदिग्ध गिरफ्तार
14 Jul 2022
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
पटना में पुलिस ने देश विरोधी गतिविधियों का बड़ा भांडाफोड़ किया है। फुलवारीशरीफ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) की आड़ में आतंक की फैक्ट्री चल रही थी। यहां लोगों को हथियार चलाने और धार्मिक उन्माद फैलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर पटना पुलिस ने फुलवारीशरीफ स्थित नया टोला में पीएफआई के कार्यालय में छापेमारी की। मौके से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। पटना के एएसपी मनीष कुमार बताया कि दोनों को फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार किया गया है। इनका नाम मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज है। मोहम्मद जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का रिटायर्ड अधिकारी है, जबकि अतहर परवेज पहले देश विरोधी गतिविधियों की वजह से कई साल पहले प्रतिबंधित हो चुके आतंकी संगठन सिमी का मेंबर था। सिमी पर बैन लगने के बाद वह PFI से जुड़ गया। इन दिनों उसके राजनीतिक विंग SDPI के लिए काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि दोनों ने फुलवारी शरीफ के नया टोला अहमद पैलेस को ट्रेनिंग कैंप बनाया हुआ था। वहीं पर वे मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के नाम पर देश के अलग-अलग राज्यों से समुदाय विशेष के युवकों को बुलाते और उन्हें आतंकी गतिविधि की ट्रेनिंग देते। पिछले दो महीने से आरोपियों के पास दूसरे राज्यों के लोग आ रहे थे। आने वाले लोग टिकट बुक करते समय और होटलों में रहने के दौरान अपना नाम बदल रहे थे। दोनों आतंकियों के पास से आठ पेज का विजन पेपर भी मिला है, जिसमें वर्ष 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की बात कही गई है। एएसपी मनीष कुमार ने बताया, सिमी पर बैन के बाद वर्ष 2002 में बम ब्लास्ट हुए थे। इस मामले में अतहर परवेज का छोटा भाई गिरफ्तार किया गया था। वह कई महीने जेल में रहा था। उसके वापस आने के बाद दोनों भाई एक खास समुदाय के लोगों के लिए आतंकी ट्रेनिंग कैंप चला रहे थे। एएसपी ने बताया कि यह सिमी और PFI का गठजोड़ है। इस गठजोड़ में शामिल बाकी लोगों का भी पता लगाया जा रहा है। एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि इनके इस विजन पेपर में लिखा है, PFI इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है कि अगर मुसलमानों का केवल 10 प्रतिशत हिस्सा भी उसके पीछे लामबंद होकर खड़ा हो जाए तो वह बहुसंख्यक कायर समुदाय को घुटनों पर ला देगा और मुसलमानों को पुरानी प्रतिष्ठा वापस दिलवा देगा। आतंकियों ने अपने इस विजन पेपर का नाम ‘India vision 2047’ रखा था। यानी वे वर्ष 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के इरादे से काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि परवेज ने भी लाखों का चंदा जुटाया। लोगों को मार्शल आर्ट के नाम पर तलवार और चाकुओं का इस्तेमाल करना सिखाया गया। यही नहीं आरोपियों ने उनको धार्मिक हिंसा के लिए उकसाया। हमारे पास सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ गवाहों के खाते भी हैं। परवेज ने भी लाखों में धन जुटाया। ED भी इस मामले की जांच में शामिल हो रही है। इनको फंडिंग कहां से होती थी, इसकी जांच ED करेगी। बता दें कि फुलवारीशरीफ का खुलासा पटना पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।