वर्सोवा पुलिस ने सुलझाई हत्या की गुत्थी
06 Aug 2022
985
संजय मिश्रा/in24 न्यूज़/मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में दिल दहला देने वाली हत्या की एक ऐसी वारदात हुई, जिसमें एक 25 वर्षीय युवक की बड़ी निर्ममता से हत्या कर दी गयी. वर्सोवा पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सिराज इनामदार से मिली जानकारी के मुताबिक ये घटना वर्सोवा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले सात बंगला बस स्टॉप की है, जहां 25 वर्षीय युवक सोया हुआ था, कि उसी समय किसी ने उसके सिर पर पेवर ब्लॉक से हमला कर दिया, जिसमें बुरी तरह से लहूलुहान युवक की मौत हो गई. सुबह के समय मृत युवक पर आम राहगीरों की नजर पड़ी तो उन्होंने तत्काल वर्सोवा पुलिस को सूचित किया. मौके पर पहुंचे सीनियर इंस्पेक्टर सिराज इनामदार और उनकी टीम ने मृतक के शव का पंचनामा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए कूपर अस्पताल भेज दिया. इस मामले में पुलिस को ऐसा कोई क्लू नहीं मिल पा रहा था जिससे कि वो हत्यारे तक पहुंच सके. जिसके बाद वर्सोवा पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर के आदेश के बाद इंस्पेक्टर संग्राम पाटिल और एपीआई दलवी की टीम ने आसपास के लोगों से गहन पूछताछ शुरू की, जिसमें यह पता चला कि मृतक का नाम सूरज मनोज तिवारी है, जिसकी उम्र 24 साल के आसपास थी. सूरज के बारे में बताया जा रहा है कि वो लगभग डेढ़ साल पहले दिल्ली से अपनी किस्मत आजमाने मुंबई आया था, लेकिन उसके पास कोई रोजगार नहीं था और ना ही उसके रहने की कोई व्यवस्था, इसलिए वो गुरुद्वारा के लंगर में खाना खाता था और सात बंगले के बस स्टॉप पर ही रात में सो जाता था. वर्सोवा पुलिस के मुताबिक सूरज तिवारी को शराब और गांजा पीने की बुरी लत थी. उसके साथ उसके तीन और भी साथी थे जो रात में नशा करने के बाद उसके साथ ही सोते थे. जब वर्सोवा पुलिस ने अपनी जांच की दिशा आगे बढ़ाई और सूरज के साथ रहने वाले अन्य दोस्तों से पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि किसी मोनू नाम के शख्स से सूरज का किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसकी वजह से पुलिस के शक की सुई मोनू के आसपास घूमने लगी. मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस के सामने एक-एक दिन पहाड़ सा बनता जा रहा था, जिसके बाद मुंबई पुलिस के परिमंडल -9 के डीसीपी मंजुनाथ सिंगे के मार्गदर्शन में चार अलग-अलग टीमें गठित की गयी. जो मोनू का पता लगाने के लिए दिन-रात जुटी रही. इसी बीच वर्सोवा पुलिस स्टेशन के डिटेक्शन ऑफिसर मिसाल को अपने विश्वसनीय सूत्रों से मोनू के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली. जिसके बाद बिना समय गंवाए वर्सोवा पुलिस की टीम ने जाल बिछाया और एक ही जगह पर पांच घंटे डटे रहने के बाद आखिरकार मोनू पुलिस की जाल में फंस गया. वर्सोवा पुलिस ने जब कड़ाई से मोनू से पूछताछ की तो वो टूट गया और उसने सूरज की हत्या करने की बात कबूल कर लिया.
वर्सोवा पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सिराज इनामदार के मुताबिक मोनू का पूरा नाम मोनुकुमार शिवनारायण सिंह है, जिसकी उम्र 22 साल के आसपास है. मूल रूप से मोनुकुमार हरियाणा के फरीदाबाद का रहने वाला है. पुलिस को दिए अपने बयान में मोनुकुमार सिंह बताया कि वो सूरज तिवारी के साथ गांजा पिया करता था. 23 जुलाई की रात गांजा पीने को लेकर सूरज और उसके बीच विवाद हुआ, जिसमें गुस्से में आकर उसने सूरज तिवारी के सिर पर फुटपाथ बनाने में इस्तेमाल होने वाले पेवर ब्लॉक से जोरदार हमला कर दिया और मौके से फरार हो गया. फिलहाल वर्सोवा पुलिस ने सूरज हत्याकांड की गुत्थी को दिन रात किए गए अथक प्रयासों और कड़ी मेहनत से सुलझा लिया है. गौर करने वाली बात यह है कि सूरज हत्याकांड का मामला भले की लो प्रोफाइल का रहा हो लेकिन कथित हत्यारे तक पहुंचने में वर्सोवा पुलिस की टीम ने जो तरीका अपनाया, उसकी सराहना एडिशनल सीपी, डीसीपी और एसीपी से लेकर आम जनता भी कर रही है.