मुर्दों के नाम पर राशन डकारने वाला मामला आया सामने

 14 Dec 2022  726

संवाददाता/in24 न्यूज़.
मुर्दों के नाम पर भ्रष्टाचार का एक बड़ा खुलासा सामने आया है। हरियाणा (Haryana) के पानीपत (Panipat) में पिछले कई सालों से मृत 20 लोगों का राशन डकारने वाले गांव डेरा बोहली के कोटेदार (डिपो होल्डर) की खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने एक बार फिर से आपूर्ति निलंबित कर दी है। वहीं मामले की गंभीरता से जांच पड़ताल जारी है। अधिकारियों का कहना है कि अगर डिपो संचालक पर कानूनी कार्रवाई भी बनेगी तो की जाएगी। मामले का खुलासा डीसी और सीएम विंडों की शिकायत मिलने के बाद जांच पड़ताल करने के बाद हुआ है। अबकी बार मामले की जांच खुद डीएफएसी ने की और डिपो होल्डर को दोषी पाया। बता दें कि इससे करीब आठ माह पहले भी डिपो होल्डर की आपूर्ति निलंबित की गई थी। मगर डिपो होल्डर ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर आपूर्ति को बहाल करा लिया था। दरअसल, गांव डेरा बोहली निवासी गुरुप्रीत ने जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को शिकायत दी थी कि उनके गांव में भूपेंद्र के पास राशन डिपो है। वह पिछले कई सालों से मर चुके लोगों के नाम पर राशन डकार रहा है। शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई तो गुरुप्रीत ने इसकी शिकायत डीसी और सीएम विंडो पर दी। यहां से निर्देश मिलने के बाद मामले की जांच फिर से विभाग को मिली। इस बार ये जांच खुद जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक जितेश गोयल ने की। जांच पड़ताल में डिपो होल्डर दोषी मिला। इसके बाद उन्होंने उसकी आपूर्ति को रोकने का आदेश दिया। शिकायकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि डिपो होल्डर भूपेंद्र उनके गांव की शेरा देवी, मुलखराज, मोहब्बत सिंह, हरबंस सिंह, करतार कौर, मालक सिंह, बिमला, सिंगारा राम, शेरचंद, सुरजीत कौर, अतु राम, तरणजीत सिंह, दलविंद्र सिंह, जसवंत सिंह, गुलजार सिंह, इंद्रपालश, गुलाब सिंह, केशर चंद, देशराज व टेहल सिंह की मौत होने पर भी उनके नाम का राशन डकार रहा था। इनमें से किसी की मौत पांच साल पहले तो किसी की छह साल पहले हो चुकी है। उन्होंने सभी के नाम और उनकी मौत होने की शिकायत विभाग अधिकारियों को दी थी। जांच में पाया गया कि मार्च-अप्रैल में डिपो होल्डर की सिंगल राशन देने की विभाग को शिकायत मिली थी। डिपो होल्डर भूपेंद्र केंद्र और राज्य सरकार के राशन में सिर्फ एक राशन देता था। जबकि धारकों का राशन कार्ड अपने पास जमा करवा लेता था। विभाग ने जांच पड़ताल की तो 23 लोगों के बयान जुटाए गए, जो डिपो होल्डर के खिलाफ मिले। इसके बाद विभाग ने उसकी आपूर्ति रोक दी थी और दूसरे डिपो होल्डर मंगतराम को आपूर्ति की जाने लगी थी।वहीं जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक जितेश गोयल ने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद जांच पड़ताल की तो आरोप सही मिले और डिपो होल्डर दोषी पाया गया।