कुर्ला गैंग रेप का मामला निकला झूठा, बेवजह 40 दिनों से जेल में कैद तीन निर्दोष

 18 Jan 2023  917
संजय मिश्रा/in24न्यूज़/मुंबई
 
   भारतीय न्यायालय का कहना है कि 99 दोषी भले ही छूट जाएं लेकिन एक निर्दोष व्यक्ति को सजा नहीं मिलनी चाहिए. मुंबई के कुर्ला इलाके से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने आपसी दुश्मनी का बदला लेने के लिए तीन लोगों पर गैंगरेप का झूठा मामला दर्ज करवाया. शुरुआती दौर में इस मामले ने इतना ज्यादा तूल पकड़ा कि महिला आयोग के दबाव में पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी. कथित महिला ने आरोप लगाया था कि तीन लोग उसके घर में जबरन घुस आए और उन्होंने चाकू की नोक पर उसके साथ गैंगरेप किया. यही नहीं, कथित महिला का यह भी आरोप था कि गैंगरेप के बाद उसके प्राइवेट पार्ट को जलते सिगरेट के बट से चटका भी दिया गया, जिससे वो बुरी तरह से घायल हो गयी. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों में से एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया और पुलिस कस्टडी के बाद न्यायपालिका ने उसे जेल भेज दिया. हालांकि मेडिकल रिपोर्ट में जो सच्चाई सामने आयी, उसने पुलिस के उड़ा दिए. मेडिकल रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे के बाद 42 वर्षीय महिला के साथ आरोप झूठे साबित हो गए. पुलिस ने तीन संदिग्धों में से एक बबलू उर्फ मोहम्मद याकूब सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था, जो इस अपराध के लिए 40 दिनों से जेल में है, जबकि उसने यह अपराध किया ही नहीं था. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, उसने पहले भी जेजे और भाभा अस्पतालों द्वारा पीड़िता की दो मेडिकल रिपोर्ट के बारे में बताया था. इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि 'बलात्कार' का आरोप झूठा है, जबकि चोटें स्वयं द्वारा लगाई गई थीं. पुलिस ने कथित अपराध स्थल से एकत्र किए गए सबूत भी जांच के लिए भेजे थे. कुर्ला पुलिस स्टेशन के सूत्रों के मुताबिक, फॉरेंसिक रिपोर्ट भी आरोपों को साबित नहीं कर पाई है. पुलिस ने कहा कि अब वो एक समरी रिपोर्ट बनाने की तैयारी में जुटी हैं, जिसे अदालत में जल्द ही पेश किया जाएगा और इस रिपोर्ट में सभी जांच और फॉरेंसिक रिपोर्ट अटैच की जाएगी. पुलिस ने कहा कि दो अन्य संदिग्धों ने सभी आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि उन सभी को पीड़िता द्वारा बदला लेने के लिए गैंगरेप का आरोपी बनाया गया था. पुलिस का कहना है कि आपसी रंजिश ड्रग्स के कारोबार को लेकर थी, जबकि पुलिस ने 6 दिसंबर, 2022 को कहा था कि मुंबई के कुर्ला इलाके में एक महिला से सामूहिक बलात्कार और उसे प्रताड़ित करने के मामले में 40 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जबकि मामले के दो अन्य आरोपी अब भी फरार हैं.
 
          कुर्ला पुलिस के एक अधिकारी ने कहा था कि आरोपी को पकड़ने के लिए दो टीमों का गठन किया गया था, जिनमें से एक को दक्षिण मुंबई के नागपाड़ा इलाके से गिरफ्तार किया गया था. यह घटना सामने आने पर राज्य महिला आयोग ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया और पुलिस को आरोपियों को पकड़ने का निर्देश दिया था. वहीं महिला आयोग ने पीड़ित को कानूनी मदद भी प्रदान की और यह मांग की थी कि एफआईआर में हत्या के प्रयास का आरोप भी जोड़ा जाए, क्योंकि आरोपी ने पीड़ित पर धारदार हथियार से हमला किया था. गौर करने वाली बात ये भी है कि अपनी शिकायत में कथित महिला ने आरोप लगाया गया था कि आरोपियों में से एक ने इस हरकत का वीडियो बना लिया था और उसे धमकी दी कि अगर उसने पुलिस से संपर्क किया, तो वह इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा. कुर्ला पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने कहा कि महिला ने पड़ोसियों को अपनी आपबीती सुनाई, जिन्होंने एक एनजीओ से संपर्क किया और उसके बाद ही एफआईआर दर्ज की गई. कुर्ला पुलिस ने सभी तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 376 डी (सामूहिक बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना) के तहत आरोप लगाए गए हैं. लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है उससे ये साबित हो गया कि आरोप लगाने वाली महिला झूठी है और उसने बदले की भावना से तीन निर्दोष व्यक्तियों पर इतने घृणित और संगीन आरोप लगाए. मुंबई शहर में चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि किसी को फंसाने के लिए एक महिला कितने हद तक गिर सकती है कि उसे अपनी इज्जत का भी लिहाज नहीं रहा.