माफिया डॉन अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

 28 Mar 2023  465

क्राइम डेस्क/in24न्यूज़/प्रयागराज

      यूपी के उमेश पाल अपहरण मामले (Umesh Pal Kidnapping) में माफिया डॉन अतीक अहमद (Atique Ahmed) को प्रयागराज के MP-MLA कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. अतीक के साथ दो और दोषियों दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. एमपी एमएलए कोर्ट ने तीनों के ऊपर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं अतीक अहमद के भाई अशरफ सहित बाकी सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है. इस मामले में अभी सजा का ऐलान होना बाकी है. इससे पहले, माफिया अतीक अहमद को 27 मार्च को अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल से प्रयागराज की नैनी जेल में लाया गया. उसे 28 मार्च को अदालत के सामने पेश किया गया. इस दौरान कोर्ट में वकीलों ने नारेबाजी की. वहीं अतीक के भाई और पूर्व विधायक अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया. अशरफ ने जान का खतरा बताते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेशी के लिए याचिका दाखिल की थी, लेकिन इसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया. बरेली पुलिस 27 मार्च को उसे प्रयागराज लेकर आई. दरअसल, 25 जनवरी 2005 को बहुजन समाज पार्टी के तत्कालीन विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में देवीलाल पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी. केस में तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे. जबकि चार अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था. इस केस में मुख्य गवाह उमेश पाल था. जो राजू पाल का रिश्तेदार भी था. उमेश का 28 फरवरी 2006 को अपहरण कर लिया गया. जिसका आरोप अतीक अहमद पर लगा. आपको बता दें कि उमेश पाल ने जो शिकायती पत्र दायर किया, उसके मुताबिक अतीक ने इस मामले में उसपर बयान बदलने का दबाव डाला था. लेकिन ऐसा नहीं करने पर उसका अपहरण कर लिया गया. उमेश पाल के मुताबिक, उसे अतीक अहमद के पास ले जाया गया था. जहां बयान नहीं बदलने पर उमेश पाल को उसके परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी गई थी. उमेश के मुताबिक, अतीक के वकील खान हनीफ ने उसे एक पर्चा दिया और उसमें जो लिखा था, वही बयान देने को कहा. ऐसे में अपने परिवार की सलामती के लिए उमेश ने अदालत में अतीक के पक्ष में बयान दे दिया. हालांकि 5 जुलाई 2007 को उमेश पाल ने धूमनगंज थाने में FIR दर्ज कराई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अतीक अहमद और उसके भाई के अलावा दिनेश पासी, अंसार अहमद, हनीफ, जावेद, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया. इसमें एक आरोपी अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा की मौत हो चुकी है. अपहरण के इसी मामले में कोर्ट में बहस के लिए ही 24 फरवरी को उमेश पाल कोर्ट गया था. कोर्ट की कार्रवाई खत्म होने के बाद उमेश पाल घर वापस आ रहे थे, जहां पीछा कर रहे बदमाशों ने गाड़ी से उतरते ही गोली मारकर उमेश पाल की हत्या कर दी. ये घटना उमेश पाल के घर के ठीक सामने हुई. इसमें उमेश की सुरक्षा में शामिल 2 पुलिस वालों की भी मौत हो गई. इस हत्याकांड के आरोप जेल में बंद अतीक अहमद और उसके बेटे असद, अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन, शूटर मोहम्मद गुलाम, अरमान, साबिर और गुड्डू मुस्लिम पर लगे हैं. अतीक अहमद उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ 5 जुलाई 2007 को पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी अदालत में पेश किए गए 4 सीट में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी फिलहाल सजा पर सुनवाई के बाद कोर्ट के भीतर माफिया डॉन अतीक अहमद का भाई फूट-फूट कर रोने लगा. ऐसे में अतीक अहमद के इस मामले ने यह साबित कर दिया कि पाप का घड़ा जब भर जाता है तो, उसे एक ना एक दिन फूटना होता है. कोर्ट के इस फरमान को अतीक अहमद ताउम्र नहीं भुला पाएगा.