मुंबई की एक विशेष अदालत ने बताया, कैदियों को जेल में निर्वस्त्र कर तलाशी लेना गलत

 15 Apr 2023  1163

ब्यूरो रिपोर्ट/in24 न्यूज़/मुंबई

अक्सर यह सुनने में आता है कि जब भी कोई कैदी जेल के भीतर प्रवेश करता है तो जेल कर्मी उसे निर्वस्त्र कर उसकी तलाशी लेते हैं. इस मामले में मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने कहा कि अंडर ट्रायल कैदियों को निर्वस्त्र कर उनकी तलाशी लेना गलत और असंवैधानिक है. कोर्ट के अनुसार यह कैदियों के मूलभूत अधिकारों का हनन है. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जेल के अधिकारियों को चाहिए कि कैदियों की तलाशी के लिए वे स्कैनर और तकनीकी औजारों का इस्तेमाल करें. आपको बता दें कि निर्वस्त्र करके तलाशी लेने के खिलाफ साल 1993 के मुंबई बम धमाकों के आरोपी अहमद कमाल शेख ने याचिका दायर की थी. महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के विशेष जज बीडी शेलके ने 10 अप्रैल को यह आदेश दिया, जिसकी विस्तृत कॉपी अब मिली है. अहमद कमाल शेख ने दावा किया कि जब भी कोर्ट की सुनवाई के बाद उसे वापस जेल ले जाया जाता है, तो जेल के गार्ड उसे निर्वस्त्र करके उसकी तलाशी लेते हैं. आरोप है कि अन्य कैदियों और जेल स्टाफ के सदस्यों के सामने उसे निर्वस्त्र किया जाता है. कोर्ट में इससे संबंधित दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि यह प्रैक्टिस शर्मसार करने वाली है, साथ ही उसके अधिकारों का भी उल्लंघन है. याचिकाकर्ता ने  अपनी याचिका के जरिए कोर्ट से कहा कि जब वह इसका विरोध करता है तो जेल के सुरक्षाकर्मियों द्वारा उसके साथ गाली गलौज की जाती है. हालांकि मुंबई जेल के अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. यह सिर्फ जेल प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश है. वहीं दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि आवेदनकर्ता की शिकायत में कुछ दम तो है क्योंकि कई अन्य आरोपियों ने भी कोर्ट में ऐसी शिकायत की हैं. विचाराधीन कैदियों को निर्वस्त्र करके तलाशी लेना उनके मूलभूत अधिकारों का हनन है. साथ ही यह एक शर्मसार करने वाला मामला है और गाली गलौज करना भी गलत है. कोर्ट ने केंद्रीय जेल के सुपरिटेंडेंट को निर्देश दिया कि कैदियों की तलाशी के लिए तकनीकी औजार, स्कैनर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया जाए. कोर्ट ने ये भी कहा कि यदि स्कैनर की व्यवस्था नहीं है, तो हाथों से भी तलाशी ली जा सकती है लेकिन इस दौरान कैदी को शर्मसार ना किया जाए और ना ही उसके साथ बदतमीजी की जाए. दरअसल जेल सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से यह सब कुछ किया जाता है. इसके अलावा कोर्ट में पैसा या नशे की चीज न पहुंच जाए, इसलिए जेल में प्रवेश करते ही कैदियों की तलाशी ली जाती है यहां तक कि उन्हें एक स्थान पर खड़ा कर पूरे कपडे उतारने के लिए कहा जाता है.