मुंबई में बीएमसी के ठेकों में अनियमितताओं की जांच कर रही एसआईटी का खुलासा
24 Jul 2023
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संजय मिश्रा/in24न्यूज़/मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बीएमसी द्वारा पिछले दिनों जारी किए गए 12,024 करोड़ रुपये के ठेकों के आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच करते हुए मुंबई पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने तीन प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की हैं. एसआईटी अधिकारी के अनुसार उक्त पीई नवंबर 2019 और अक्टूबर 2022 के बीच जारी किए गए कार्य आदेशों के संबंध में हैं. मुंबई पुलिस की विशेष जांच टीम के मुताबिक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के नागरिक ठेकों को देने में कथित अनियमितताओं की जांच के दौरान कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज एकत्र किए हैं और कुछ व्यक्तियों के बयान भी रिकॉर्ड किए हैं. जानकारी के अनुसार तीन पीई में से एक 200 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य आदेशों के संबंध में है, जो कथित तौर पर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के सड़क विभाग द्वारा निविदाएं जारी किए बिना दिए गए थे. वहीं एक अन्य पीई, एक ठेकेदार और बीएमसी के बीच 64 कार्य आदेशों से संबंधित समझौतों पर कथित तौर पर हस्ताक्षर न करने के बारे में है. इन 64 कार्य आदेशों में से 58 सड़क विभाग से संबंधित थे, जबकि छह आदेश चार अन्य विभागों से संबंधित थे, जिनमें बरसाती पानी की निकासी और सीवेज संचालन कार्य शामिल थे. जबकि तीसरा पीई उपनगरीय दहिसर के एकसर गांव में स्थित एक सार्वजनिक उपयोगिता के भूखंड के अधिग्रहण में बीएमसी द्वारा कथित अनावश्यक देरी के बारे में है. प्रथम दृष्टया यह मामला एकसर गांव में भूमि अधिग्रहण में की गई अनावश्यक देरी से संबंधित है, जिससे सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचा है. मुंबई पुलिस की एसआईटी के मुताबिक कई करोड़ रुपये का उक्त भूखंड सार्वजनिक उपयोगिता के लिए आरक्षित था, लेकिन इसका स्वामित्व एक निजी व्यक्ति के पास था, एसआईटी भूखंड के अधिग्रहण में देरी के कारणों की जांच कर रही है. एसआईटी की जांच में यह भी पाया गया कि कार्य निविदाएं सौंपने के संबंध में दस्तावेजों की जांच करते समय यह पता चला कि कुछ कार्यों में लागत में वृद्धि हुई थी, जबकि अन्य में तीसरे पक्ष के साथ समझौता किया गया था. अब आगे की जांच से यह पता चल सकेगा कि अनियमितताएं हुई हैं या नहीं. जानकारी के अनुसार एसआईटी अधिकारी ठेकेदारों को काम देने के लिए बीएमसी द्वारा अपनाई जाने वाली मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की जांच कर रहे हैं. एसआईटी अधिकारी यह समझने की भी कोशिश कर रहे हैं कि कार्य अनुबंधों को कैसे अंतिम रूप दिया जाता है और उन्हें देने की शक्तियां किसके पास थीं. इसके अलावा एसआईटी उन संबंधित अधिकारियों की पहचान करने की भी कोशिश कर रही है जो उन परियोजनाओं को संभाल रहे थे, जो वर्तमान में जांच के दायरे में हैं और वर्तमान में वे कहां तैनात हैं. बता दें कि सीएजी रिपोर्ट के आधार पर एसआईटी के गठन की घोषणा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की थी. इसका नेतृत्व मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर कर रहे हैं और इसमें संयुक्त पुलिस आयुक्त (ईओडब्ल्यू), पुलिस उपायुक्त (ईओडब्ल्यू) और अन्य अधिकारी शामिल हैं. एसआईटी ने पिछले सप्ताह दो अलग-अलग दिनों में बीएमसी मुख्यालय का दौरा किया था. ऐसे में यह देखना बेहद महत्वपूर्ण होगा कि अपनी जांच में मुंबई पुलिस की विशेष जांच टीम अपने किन निष्कर्षों तक पहुंच पाती है और किस तरह का खुलासा कर पाती है