गला रेत कर जवान ने मंदिर में दी अपनी बलि !

 31 Jan 2017  1935

ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़

 झारखंड के रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिके मंदिर परिसर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनने के बाद किसी के भी होशफाख़्ता हो जायेंगे। मामला है अजीबोगरीब आत्महत्या का, जिससे सनसनी फैल गई है। हजारीबाग में तैनात बक्सर के बलिहार गांव के एक सीआरपीएफ जवान ने खुद की बलि चढ़ा दी, जिसका नाम संतोष नट बताया जा रहा है। संतोष ने मां छिन्नमस्तिका मंदिर में पूजा अर्चना के बाद अपने पास रखे धारदार हथियार से अपना गला काटकर अपनी बलि चढ़ा दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस व्यक्ति ने सुबह मंदिर में मां छिन्नमस्तिका की पूजा अर्चना की और उसके बाद माता की प्रतिमा के आगे खुद की बलि चढ़ा दी। इस सनसनीखेज घटना के बाद से मंदिर में ताला जड़ दिया गया है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

व्यक्ति की पहचान बक्सर बलिहार गांव (बिहार) निवासी संजय नट   (45) के रूप में की गई है। मृतक संजय नट सीआरपीएफ के 45 वीं बटालियका जवान था और नौ पाड़ा, उड़ीसा में तैनात था। दो दिन पहले ही अपने गांव बलिहार में छुट्टी बिताकर वह ड्यूटी पर गया था। मृतक जवान के घर में पत्नी शारदा देवी व दो बेटे और दो बेटियां हैं। घटना की जानकारी मिलने से पूरा परिवार सदमे में है और पत्नी शारदा का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है।

इस घटना में मुंदिर का मुख्य द्वारा खून से सराबोर था जहां संजय खून से लथपथ पड़ा था। इस घटना की सूचना फ़ौरन पुलिस को दी गई और मंदिर के द्वार पर ताला लगा दिया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने संजय के पॉकेट की तलाशी ली तो कागज मिला। इससे उसकी पहचान हुई और कागज में मिले फोन नम्बर से उसके घरवालों को सूचना दी गई। उसके परिजनों के अनुसार, संजय की मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक थी और वो खेती-किसानी का काम करता था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि संजय पहले से ही बलि का मन बनाकर यहां आया था। उसने ठीक वैसी ही नई कटारी अपने साथ रखी थी, जैसी कि मां छिन्नमस्तिका की प्रतिमा में है।

उधर, घटना के बाद मंदिर में पूजा अर्चना पर रोक लगा दी गई है। मंदिर के महंत ने बताया कि अब शुद्धिकरण के बाद ही मंदिर में पूजा अर्चना शुरु हो सकेगी। दोपहर तक पूजा बंद रहेगी, इस दौरान विधिवत मंदिर का शुद्धिकरण किया जा रहा है। मंदिर में हुई आत्महत्या की घटना के बाद मंदिर के पूजारियों द्वारा मंदिर के शुद्धिकरण का कार्य किया गया। इस दौरान पूजारियों ने पंचगव्य , पंचद्रव्य व पांच नदियों के जल से मंदिर का शुद्धिकरण किया।

मंदिर शुद्धिकरण के दौरान विशेष रूप से पूजा की गई। उसके बाद ही श्रद्धालूओं के लिए मंदिर का पट खोला गया। जिसके बाद बाहर से आए श्रद्धालुओं को पूजा का मौका मिला। रजरप्पा मंदिर में देवी प्रतिमा की चोरी के बाद साल 2010 में पुलिस ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर होमगार्ड के चार जवानों को इस परिसर में तैनात कर दिया। रजरप्पा मन्दिर में 16 सीसीटीवी लगाए गए हैं।

वर्तमान में 4 कैमरे खराब हैं। जिस कारण पूरा मंदिर अभी कैमरे के कैद में नही हैं। कुछ हिस्सों का फुटेज पुलिस को नहीं मिल पा रहा है। प्रथम द्रष्टया यह मामला आत्माहत्या का लग रहा है। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पूरी जानकारी दी जा सकती है। बहरहाल सेना के एक जवान द्वारा उठाये गए कदम की चर्चा चारो तरफ होने लगी है कि आखिर फ़ौज के एक जवान को क्या सूझी, जो उसने इतना बड़ा कदम उठाया ?