बिलकिस बानो रेप और मर्डर मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई

 04 May 2017  1528

समीरा मंसूरी /in24 न्यूज़, मुंबई

मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने बिलकिस बनो मामले में 11 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा बरकरार रखी. सीबीआई ने 3 आरोपियों को फंसी की सजा देने की याचिका दायर की थी जो बॉम्बे हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला बरकरार रखी. आपको बता दे कि इस मामले में 6 पुलिसवाले और 2 डॉक्टर शामिल थे जो बरी कर दिया गया थे, बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है. आपको बता दे कि जो पुलिसवाले अब दोषी पाए गए हैं वे पहले ही अपनी सज़ा काट चुके हैं, ऐसे में उन्हें जेल नहीं हो सकती लेकिन बरी होने के बाद वे फ़ोर्स में वापस चले गए थे, पर अब ये फ़ोर्स का हिस्सा नहीं हो सकते।

[caption id="attachment_1552" align="alignnone" width="300"] Bilkis Bano[/caption]

2002 में गुजरात दंगों के दौरान 19 साल की बिलकिस का बलात्कार किया गया उस वक़्त वह 5 महीने गर्भवती थी. हत्यारों ने बिलकिस के परिवार के 14 लोगों की हत्या की थी. गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस नीमखेडा में रहती थी. वहां के हालत खराब होने की वजह से परिजनों के साथ वहां से जा रही थी और दंगाइयों ने उन्हें पकड़ लिया. बिलकिस की माने तो वे सबको मार रहे थे और बिलकिस को भी मारा गया था और वह कुछ देर बाद बेहोश हो गई थी. जब बिलकिस को होश आया तो वे निर्वस्त्र थी और बच्ची की लाश बिलकिस के पास थी, जितने लोग थे वह बिलकिस को मिल नहीं रहे थे. बिलकिस का यह भी कहना है कि दंगाइयों ने उन्हें शायद इसीलिए छोड़ दिया के उन्हें लगा की वह मर गई है. जब वह पुलिस के पास गई तो उन्हें कोई मदद नहीं मिली. पुलिसवालों ने उन्हें डराया कि हम डॉक्टर के पास ले जाएंगे और वह तुमको ज़हर का इंजेक्शन दे देंगे. वहीँ दो डॉक्टर ने बिलकिस की कोई मदद नहीं की और गलत रिपोर्ट भी दी. इसके बाद बिलकिस सुप्रीम कोर्ट तक अपनी लडाई लड़ी. कोर्ट ने यह मामला सीबीआई को सौंपा था और इसका ट्रायल भी गुजरात के बहार कर दिया था. अपनी लडाई के दौरान उन्हें काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ा और अलग-अलग रिश्तेदारों से मदद लेनी पड़ी, क्योंकि उनकी जान को खतरा हो सकता था.

सीबीआई ने मामले की जांच के दौरान नीमखेड़ा तालुका से न केवल 12 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, बल्कि 3 मार्च 2002 को भीड़ द्वारा मारे गए लोगों के शवों को बरामद करने के लिए पन्नीवेल के जंगलों में खुदाई भी करवायी थी. इस कार्रवाई में सीबीआई चार लोगों के कंकाल बरामद करने में सफल रही थी. मामले की पुष्टि के लिए इन कंकालों को डीएनए परीक्षण के लिए भेज दिया गाया था.