चार बिल्डरों के 40 ठिकानों पर आईटी की रेड में करोड़ों का कैश बरामद
06 Jan 2024
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
टैक्स चोरी के खिलाफ नोएडा और दिल्ली के चार बिल्डरों के अलग-अलग ठिकानों में करीब 40 जगहों पर चार सौ से ज्यादा लोगों की टीम छापेमारी कर रही है। इन पर टैक्स चोरी का आरोप है। इनसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी आईटी विभाग ने जब्त किए हैं। कॉमर्शियल स्पेस बेचने के नाम पर नोएडा में चार बिल्डर (भूटानी इंफ्रा, ग्रुप 108, एडवंट, लाजिक्स) समेत दो ब्रोकर कंपनी की ओर से नकद लेनदेन के जरिए बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का खेल खेला जा रहा है। इसके खिलाफ इनकम टैक्स ने गुरुवार को नोएडा, दिल्ली, फरीदाबाद में 37 ठिकानों पर सर्च शुरू की गई है, जो शुक्रवार को बढ़कर 40 स्थानों पर पहुंच चुकी है। अब तक की सर्च में बिल्डरों के ठिकानों से दो करोड़ नकद और 50 करोड़ रुपए नकद लेन देने के दस्तावेज जब्त किए जा चुके हैं। यह सर्च लंबी खिंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। दस्तावेजों के स्पष्ट होता जा रहा है कि लाजिक्स ग्रुप कॉमर्शियल स्पेस को बेचने का ठेका भूटानी ग्रुप की ओर से लिया गया है, इसमें सभी की हिस्सेदारी तय है। सर्च में आयकर विभाग के 400 से ज्यादा कर्मी और अधिकारी शामिल हैं। नोएडा में 21 स्थानों, दिल्ली में 18 और फरीदाबाद में एक स्थान पर सर्च जारी है। ये पूरा खेल लॉजिक्स ग्रुप के कॉमर्शियल प्लाट स्पेस को बेचने को लेकर किया गया। लॉजिक्स ने इसके लिए भूटानी ग्रुप से इंटरनल एग्रीमेंट किया। इसके तहत भूटानी ने इस स्पेस को बेचना शुरू किया। यहां अधिकांश पैसा ब्लैक में खपाया गया। लगभग एक प्लाट को बेचने में 40 प्रतिशत तक की धनराशि कैश में ली गई। इसकी न कोई पक्के दस्तावेज होते हैं और न ही कोई लीगल डाक्यूमेंट। इसी कॉमर्शियल स्पेस में नामी गिरामी लोगों ने अपना ब्लैक मनी भूटानी में खपाया। इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को मिली। सोर्स के मुताबिक लॉजिक्स ग्रुप ने इंडिया बुल्स से करीब 2000 करोड़ का लोन लिया। इस लोन के बाद उसने नोएडा में पांच से छह प्लाट लिए। ये प्लाट ऑफिस कॉमर्शियल स्पेस के लिए थे। यहां निर्माण शुरू किया गया, लेकिन आधा अधूरा निर्माण के बाद लॉजिक्स ने काम बंद कर दिया। उधर, लगातार इंडिया बुल्स की ओर से लोन जमा करने का प्रेशर बना। इसके चलते लॉजिक्स ने भूटानी ग्रुप के साथ एक एग्रीमेंट साइन किए। इसके तहत भूटानी ग्रुप इनका कॉमर्शियल स्पेस बनाएगा और बेचेगा। धीरे धीरे लोन के पैसे लॉजिक्स को देगा। हुआ भी ऐसा। लेकिन यहां अधिकतर खेल टैक्स चोरी कर किया गया। बता दें कि डेढ़ साल पहले फरवरी 2022 में इनकम टैक्स विभाग को पहला इनपुट मिला। इसके बाद उन्होंने दस्तावेजों को खंगालना शुरू किया। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि भूटानी ग्रुप दो भागों में बंट गया। पहली भूटानी इंफ्रा और दूसरा ग्रुप 108, ये दोनों एक मदर कंपनी के दो हिस्से हैं। इनका पैसा भी इस कॉमर्शियल स्पेस में लगा। इसी तरह एडवंट बिल्डर भी पहले भूटानी के साथ कोलेब्रेशन में काम करता था। उसका पैसा भी इसमें लगा है। ऐसे में इन चारों बिल्डरों पर एक साथ सर्च की गई। बता दें कि यह अपने आप में एक बड़ा घोटाला है।