बिलकिस के तीन दोषियों ने सरेंडर के लिए मांगा सुप्रीम कोर्ट से समय
18 Jan 2024
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
जिन 11 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में सजा सुनाया था, अब उनमें से ही तीन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। तीनों दोषियों ने जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए समय बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दोषियों ने सरेंडर करने से पहले चार से छह सप्ताह का समय मांगा है। उन्होंने पारिवारिक जिम्मेदारियों और स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है।दोषियों में से एक गोविंदभाई ने अपनी याचिका में अपने 88 साल के पिता और 75 साल की मां की देखभाल की जिम्मेदारी का हवाला देते हुए कहा कि वह उनका एकमात्र देखभालकर्ता है। एक दूसरे दोषी, रमेश रूपाभाई चंदना ने यह कहते हुए छह सप्ताह की मोहलत मांगी कि उसे अपने बेटे की शादी की व्यवस्था करने के लिए वक्त चाहिए। तीसरे दोषी मितेश चिमनलाल भट ने भी छह हफ्ते के विस्तार की गुजारिश की है। इसमें उल्लेख किया गया कि उसकी सर्दियों की उपज फसल के लिए तैयार है, और वह आत्मसमर्पण करने से पहले इस काम को पूरा करना चाहेगा। बता दें कि तीन मार्च, 2002 को अहमदाबाद के पास रंधीकपुर गांव में 21 वर्षीय बिलकिस बानो के परिवार पर हिंसक भीड़ ने हमला किया। महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया जबकि उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद दिसंबर 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो के मामले में सीबीआई से जांच का निर्देश दिया। 21 जनवरी, 2008 को एक विशेष अदालत ने बिलकिस बानो से बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। 15 अगस्त, 2022 को गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत गोधरा उप-कारागार से 11 दोषियों को रिहा किया गया था।अब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा में छूट को रद्द कर दिया है। न्यायमूर्ति बी वी नागरत्न और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भूइयां की पीठ ने सजा में छूट को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं को सुनवाई योग्य करार देते हुए कहा कि गुजरात सरकार सजा में छूट का आदेश देने के लिए उचित सरकार नहीं है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस के दोषियों को सजा में छूट नहीं देकर उन्हें बड़ी राहत देने का काम किया है।