बाघा बॉर्डर पर करतारपुर कॉरिडोर को लेकर दूसरी वार्ता
14 Jul 2019
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संवाददाता/in 24 न्यूज़।
मोदी सरकार की सत्ता में वापसी के बाद यह पहली और अब तक पाकिस्तान के साथ दूसरे दौर की वार्ता है। इससे पहले 14 मार्च को दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने ड्राफ्ट एग्रीमेंट को अंतिम रूप दिया था। भारत कॉरिडोर के निर्माण पर 500 करोड़ रुपए खर्च करेगा। इसके जरिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाईटेक सिक्युरिटी, सर्विलांस सिस्टम, 5000 से लेकर 10 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने के इंतजाम किए जाएंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर दूसरी वार्ता रविवार को शुरू हुई। इसके लिए दोनों देशों के 20-20 अफसर वाघा बॉर्डर पहुंचे। भारतीय प्रतिनिधि मंडल की अगुआई गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास और पाकिस्तानी दल की अगुआई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने की। बैठक से पहले फैसल ने कहा कि पाकिस्तान इस कॉरिडोर के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। गुरुद्वारे का 70% से ज्यादा काम पूरा हो चुका है करतारपुर कॉरिडोर पर वार्ता से एक दिन पहले पाकिस्तान ने खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को अपनी कमेटी से हटा दिया। भारत ने चावला के वार्ता कमेटी में होने पर आपत्ति जताई थी। इमरान सरकार ने शुक्रवार को कहा कि हमें पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) का पुनर्गठन किए जाने पर खुशी है। नई कमेटी में चावला का नाम नहीं है। इसके बाद भारत ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच कॉरिडोर को लेकर गतिरोध खत्म करने में मदद मिलेगी। अब पाकिस्तान के साथ दूसरे दौर की वार्ता में करतारपुर के मुद्दे सुलझाए जा सकेंगे। करतारपुर कॉरिडोर पंजाब में गुरदासपुर से तीन किमी दूर भारत-पाकिस्तान की सीमा से लगा होगा। सिख श्रद्धालु इस कॉरिडोर से पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब तक सीधे दर्शन के लिए जा सकेंगे। यहीं पर 1539 में गुरू नानक देव ने अपना आखिरी वक्त गुजारा था। कॉरिडोर के गुरू नानक देव की 550वीं वर्षगांठ से पहले 31 अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है।